Mann Ki Baat: अपने तीसरे कार्यकाल के पहले ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न मुद्दों पर बात (Mann Ki Baat) की। इस दौरान उन्होंने संविधान में अपनी अटूट आस्था दोहराई और आम चुनाव, आदिवासी कल्याण, पर्यावरण आदि पर बात की। यह कार्यक्रम हर महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित होता है। इससे पहले ‘मन की बात’ का आखिरी प्रसारण 25 फरवरी को हुआ था, जिसके बाद लोकसभा चुनाव के चलते इसे रोकना पड़ा था। तो आइए जानते हैं नई सरकार के गठन के बाद पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम की बड़ी बातें-
2024 का चुनाव दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव है
प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात (Mann Ki Baat) कार्यक्रम में कहा कि ‘आज मैं देशवासियों को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने हमारे संविधान और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में अपनी अटूट आस्था दोहराई है। 2024 का चुनाव दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव था। दुनिया के किसी भी देश में इतना बड़ा चुनाव कभी नहीं हुआ, जिसमें 65 करोड़ लोगों ने वोट डाला हो। मैं इसके लिए चुनाव आयोग और मतदान प्रक्रिया से जुड़े सभी लोगों को बधाई देता हूं।’ हुल दिवस पर याद किए गए सिद्धू-कान्हू
The way Indian culture is earning glory all over the world makes everyone proud. #MannKiBaat pic.twitter.com/G0TdoW5C05
— PMO India (@PMOIndia) June 30, 2024
मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने आदिवासी भाई-बहनों को हुल दिवस (Mann Ki Baat) की शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दिन विदेशी शासकों के अत्याचारों का विरोध करने वाले वीर सिद्धू-कान्हू के अदम्य साहस को याद करने का दिन है। सिद्धू कान्हू ने झारखंड के संथाल परगना में हजारों संथाल साथियों को इकट्ठा करके अंग्रेजों से लोहा लिया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि सिद्धू कान्हू ने 1855 में यानी 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से दो साल पहले क्रांति का बिगुल फूंका था।
‘मां के नाम एक पेड़’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मां का दर्जा हम सभी के जीवन में सबसे ऊंचा होता है। मां हर दर्द सहकर भी अपने बच्चे का पालन-पोषण करती है। जन्म देने वाली (Mann Ki Baat) मां का यह प्यार हम सभी पर कर्ज की तरह है जिसे कोई चुका नहीं सकता। हम अपनी मां को कुछ दे तो नहीं सकते, लेकिन क्या हम कुछ और कर सकते हैं? इसी सोच के साथ, इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस पर एक विशेष अभियान शुरू किया गया है, इस अभियान का नाम है- ‘एक पेड़ माँ के नाम’। मैंने भी अपनी माँ के नाम पर एक पेड़ लगाया है।
बेंगलुरु के कब्बन पार्क के संस्कृत वीकेंड का भी जिक्र किया
पीएम मोदी ने कहा कि आज 30 जून को आकाशवाणी के संस्कृत बुलेटिन के प्रसारण के 50 साल पूरे हो रहे हैं। 50 सालों से इस बुलेटिन ने कितने ही लोगों को संस्कृत से जोड़े रखा है। मैं आकाशवाणी परिवार को बधाई देता हूं। उन्होंने बताया कि बेंगलुरु में एक पार्क है- कब्बन पार्क। इस पार्क में यहां के लोगों ने एक नई परंपरा शुरू की है। यहां सप्ताह में एक दिन, हर रविवार को बच्चे, युवा और बुजुर्ग एक-दूसरे से संस्कृत में बात करते हैं।
उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, (Mann Ki Baat) यहां संस्कृत में कई वाद-विवाद सत्र भी आयोजित किए जाते हैं। इस पहल का नाम है- संस्कृत वीकेंड। इसकी शुरुआत समष्टि गुब्बी जी ने एक वेबसाइट के जरिए की है। कुछ दिन पहले ही शुरू हुआ यह प्रयास बेंगलुरु के लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो गया है। अगर हम सब ऐसे प्रयास से जुड़ते हैं तो हमें दुनिया की इतनी प्राचीन और वैज्ञानिक भाषा से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
पीएम मोदी ने आंध्र की खास कॉफी का जिक्र किया
पीएम मोदी ने देशवासियों को एक खास कॉफी के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि भारत के बहुत सारे उत्पाद हैं, जिनकी पूरी दुनिया में बहुत मांग है और जब हम भारत के किसी स्थानीय उत्पाद को वैश्विक बनते देखते हैं, तो गर्व होना स्वाभाविक है। ऐसा ही एक उत्पाद है अराकू कॉफी। अराकू कॉफी आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीता राम राजू जिले में बड़ी मात्रा में उत्पादित होती है। यह अपने भरपूर स्वाद और सुगंध के लिए जानी जाती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व योग दिवस मनाया
प्रधानमंत्री ने हाल (Mann Ki Baat) ही में मनाए गए योग दिवस के महत्व के बारे में बात की और बताया कि यह जीवन के लिए कितना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस महीने पूरी दुनिया ने बड़े उत्साह और जोश के साथ 10वां योग दिवस मनाया है। मैंने भी जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में आयोजित योग कार्यक्रम में भाग लिया। कश्मीर में युवाओं के साथ-साथ बहनों और बेटियों ने भी योग दिवस में उत्साहपूर्वक भाग लिया।
तुर्कमेनिस्तान में भारत का सम्मान- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि इस साल मई में तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रीय कवि की 300वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति ने दुनिया के 24 प्रसिद्ध कवियों की प्रतिमाओं का अनावरण किया। इनमें से एक प्रतिमा गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की भी है। यह गुरुदेव का सम्मान है, भारत का सम्मान है।
तीसरी बार पीएम बनने के बाद मोदी आज पहली बार करेंगे ‘मन की बात’, सरकार के एजेंडे पर कर सकते हैं बात
उन्होंने कहा कि जून के महीने में दो कैरेबियाई देशों सूरीनाम और सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस ने अपनी भारतीय विरासत को पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया। सूरीनाम में हिंदुस्तानी समुदाय हर साल 5 जून को भारतीय आगमन दिवस और प्रवासी दिवस के रूप में मनाता है।
पेरिस ओलंपिक खेलों की तैयारियां जारी हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने पेरिस ओलंपिक की तैयारियों पर चर्चा की। टोक्यो में हमारे खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने हर भारतीय का दिल जीत लिया, उन्होंने कहा। पेरिस ओलंपिक खेलों की तैयारियां अब चल रही हैं। पेरिस ओलंपिक में आप पहली बार कुछ देखेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि शूटिंग (Mann Ki Baat) में हमारे खिलाड़ियों की प्रतिभा सामने आ रही है। टेबल टेनिस में पुरुष और महिला दोनों टीमों ने क्वालीफाई किया है। हमारी शूटर बेटियां भारतीय शॉटगन टीम में भी शामिल हैं।
पीएम मोदी ने करथुंभी छतरी के बारे में बात की
प्रधानमंत्री मोदी ने केरल की करथुंभी छतरी के बारे में बात की और बताया कि कैसे लोग मानसून आने के बाद इसकी तलाश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे केरल के अट्टापडी में करथुंभी छतरियां तैयार की जाती हैं। ये रंग-बिरंगी छतरियां बहुत ही शानदार हैं। इन छतरियों को आदिवासी बहनें तैयार करती हैं। आज इन छतरियों की देशभर में मांग है। इन्हें ऑनलाइन भी बेचा जा रहा है।
मां के नाम पर एक पेड़ लगाएं- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रेडियो कार्यक्रम में पर्यावरण (Mann Ki Baat) और पेड़ लगाने पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि अगर मैं आपसे पूछूं कि दुनिया का सबसे अनमोल रिश्ता कौन सा है, तो आप जरूर कहेंगे- मां। हम मां को कुछ नहीं दे सकते, लेकिन क्या हम कुछ और कर सकते हैं? इसी सोच को ध्यान में रखते हुए इस साल विश्व पर्यावरण दिवस पर एक विशेष अभियान शुरू किया गया है, इस अभियान का नाम है- एक पेड़ मां के नाम। सभी से अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगाने की अपील की गई है।
मां के नाम पर एक पेड़ लगाएं- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रेडियो कार्यक्रम में पर्यावरण और पेड़ लगाने पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि अगर मैं आपसे पूछूं कि दुनिया का सबसे अनमोल रिश्ता कौन सा है, तो आप जरूर कहेंगे- मां। हम मां को कुछ नहीं दे सकते, लेकिन क्या हम कुछ और कर सकते हैं? इसी सोच के साथ इस साल विश्व पर्यावरण दिवस पर एक खास अभियान शुरू किया गया है, इस अभियान का नाम है- एक पेड़ मां के नाम। सभी से अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगाने की अपील की गई है।
पीएम मोदी ने वीर सिद्धू-कान्हू का जिक्र किया
पीएम मोदी ने कहा कि 30 जून का यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है। हमारे आदिवासी भाई-बहन इस दिन को ‘हूल दिवस’ के रूप में मनाते हैं। यह दिन वीर सिद्धू-कान्हू के अदम्य साहस से जुड़ा है, जिन्होंने विदेशी शासकों के अत्याचारों का डटकर विरोध किया था।
उन्होंने कहा कि वीर सिद्धू-कान्हू ने हजारों संथाल साथियों को एकजुट किया और अंग्रेजों से पूरी ताकत से मुकाबला किया, और क्या आप जानते हैं कि यह कब हुआ था?