नई दिल्ली। 12 दिसंबर 2001 को देश की संसद (Parliament) में हुए आत्मघाती हमले के बरसी के दिन ही एक बार फिर संसद (Parliament) की सुरक्षा में बड़ी चूक देखी गई है. इस चूक का फायदा उठाकर आरोपियों ने परिसर के अंदर कलर गैस का यूज किया और तेज-तेज से नारे लगाने लगे. अब इन आरोपियों को गिरफ्तार करके पूछताछ की जा रही है. पूछताछ में एक बड़े बात का खुलासा हुआ है. इसमें मीडिया रिपोर्ट की माने तो आरोपियों द्वारा संसद भवन में आत्मदाह करने की भी तैयारी थी. इसके अलावा कई तरह के योजनाओं का भी खुलासा हुआ है.
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आरोपियों को गिरफ्तार कर हो रही पूछताछ
बता दें कि 13 दिसंबर के दिन संसद (Parliament) की सुरक्षा में हुए भारी चूक के बाद पांच आरोपियों को गिरफ्तार करके पूछताछ की जा रही है. अब नए बात का खुलासा हुआ है. इसमें कहा जा रहा है कि परिसर में धुआं उड़ाने से पहले आत्मदाह करने और पर्चे बांटने जैसे विकल्पों पर भी विचार किया जा चुका था. ये जानकारी दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने दी है. जांच में जुटी दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल अब बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा का भी बयान दर्ज करेगी. दरअसल अंदर जाने वाले दो आरोपियों को सिम्हा जी के जरिए ही पास मिला था.
शून्य काल के दौरान दर्शक दीर्घा में कूदे आरोपी
गौरतलब है कि आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन डी नामक दो आरोपी सदन के शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए थे. इसके बाद दोनों आरोपियों ने गैस केन से पीली रंग की गैस उड़ाते हुए नारेबाजी की. हालांकि इसके बाद सांसदों ने उनको पकड़ लिय़ा था. ठीक इसी समय संसद (Parliament) भवन के बाहर भी अन्य दो आरोपी जिनका नाम अमोल शिंदे और नीलम वर्मा है, केन से रंगीन धुंआ फैलाते हुए तानाशाही नहीं चलेगी के नारे लगाए. जबकि पांचवा आरोपी ललित झा ने परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन के वीडियो को सोशल मीडिया पर कथित तौर पर प्रसारित करने का काम किया था.
पुलिस ने बढ़ाई एक सप्ताह की कस्टडी
जांच कर रही पुलिस की स्पेशल टीम के अधिकारियों ने बताया है कि पांचो आरोपियों ने सरकार तक अपने संदेश को प्रभावी तरीके से पहुंचाने के लिए रंगीन गैस को उड़ाने से पहले भी कई योजनाओं पर विचार कर चुके थे. इन योजनाओं में अपने शरीर पर अग्निरोधक लेप लगाकर आग लगाने और पर्चे बांटने जैसे योजनाओं पर विचार किया गया था. लेकिन अंत में कैन के जरिए रंगीन गैस को उड़ाने पर ही विचार बना. इस योजनाबद्ध हादसे के बाद पुलिस आरोपियों को एक सप्ताह के लिए कस्टडी में लेकर पूछताछ कर रही है. वहीं अन्य भी लोगों के संलिप्तता होने की आशंका को तलाश रही है.