PM Modi On Budget Session: बजट सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, आज सावन का पहला सोमवार है। इस पावन दिन पर एक महत्वपूर्ण सत्र शुरू हो रहा है। मैं देशवासियों को सावन के पहले सोमवार की शुभकामनाएं देता हूं। आज संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। आज पूरे देश की नजर इस पर है। यह एक सकारात्मक सत्र होना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा, यह गर्व की बात है कि 60 साल बाद कोई सरकार तीसरी बार लौटी है और तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करने का सौभाग्य मिला है। देश इसे भारत के लोकतंत्र की गरिमामयी घटना के रूप में देख रहा है।
#WATCH | PM Narendra Modi says, "Today is the first Monday of Sawan. An important session is starting on this auspicious day. I extend my greetings to the countrymen on the first Monday of Sawan. The monsoon session of Parliament is starting today. Today the whole country is… pic.twitter.com/t32mytIzru
— ANI (@ANI) July 22, 2024
विपक्षी सांसदों से खास अपील
PM Modi ने कहा, आज मैं विपक्षी सांसदों से भी अपील करना चाहता हूं कि पिछले जनवरी से लेकर अब तक जितनी हमारी क्षमता थी, हमने उतनी लड़ाई लड़ी है। हमें जनता से जो कुछ भी कहना था, हमने बता दिया है। लेकिन अब वह समय खत्म हो गया है। देशवासियों ने अपना फैसला दे दिया है। अब चुने हुए सांसदों का कर्तव्य देश की जनता के प्रति है। अब सभी सांसदों की जिम्मेदारी है कि वे दलीय सीमाओं से ऊपर उठकर देश के लिए लड़ें।
पीएम मोदी ने कहा, कल हम जो बजट पेश करेंगे, वह अमृतकाल का महत्वपूर्ण बजट है। हमें जो पांच साल का अवसर मिला है, यह बजट उन पांच सालों की दिशा तय करेगा। यह बजट 2047 में विकसित भारत के सपने को मजबूती देगा।
Breaking News :
PM Narendra Modi says, "…I would like to request all the MPs of the country that from January till now we have fought as much as we had to, but now that period is over, the public has given its verdict. I would like to ask all the parties to rise above party… pic.twitter.com/0O7oyfvx0C
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) July 22, 2024
PM Modi ने कांग्रेस को घेरा
पीएम मोदी ने कहा, इस नई संसद के गठन के पहले सत्र में 140 करोड़ देशवासियों ने जिस सरकार को बहुमत के साथ सेवा करने का आदेश दिया है, उसकी आवाज को कुचलने का अलोकतांत्रिक प्रयास किया गया। ढाई घंटे तक देश के प्रधानमंत्री का गला घोंटने, उनकी आवाज को दबाने, उन्हें रोकने का प्रयास किया गया। लोकतांत्रिक परंपराओं में इनका कोई स्थान नहीं हो सकता और इन्हें इसका कोई अफसोस भी नहीं है। इनके दिल में कोई दर्द भी नहीं है। देशवासियों ने हमें पार्टी के लिए नहीं, देश के लिए यहां भेजा है। यह सदन पार्टी के लिए नहीं बल्कि देश के लिए है।