‘अगर किसान ट्रैक्टर लेकर लाल किला के बजाय संसद चले जाते तो…’ राकेश टिकैत ने ऐसा क्यों कहा?

राकेश टिकैत ने 2021 में गणतंत्र दिवस के दौरान किसानों के ट्रैक्टर मार्च पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि यदि उस दिन किसान लाल किला छोड़कर संसद की ओर गए होते, तो सारा काम उसी दिन निपट जाता।

Rakesh Tikait

Rakesh Tikait: करीब साढ़े तीन साल पहले गणतंत्र दिवस के मौके पर लाल किले पर हुई हिंसा की घटना को याद करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा है कि उस दिन अगर किसान ट्रैक्टर लेकर लाल किला छोड़कर संसद की तरफ बढ़ गए होते, तो उसी दिन भारत में बांग्लादेश जैसी स्थिति बन जाती।

उनका इशारा हाल ही में बांग्लादेश में हुए विरोध-प्रदर्शन, हिंसा और प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद देश छोड़कर भागने की घटना की तरफ था। टिकैत के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

कोलकाता केस पर क्या बोले टिकैत ?

राकेश टिकैत ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज केस पर हो रही चर्चा को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि किसी ने रेप और हत्या की, तो उसके खिलाफ केस दर्ज हो गया, लेकिन इसे पूरे देश में हाईलाइट करना क्या सरकार को बदनाम करने की साजिश है?

उन्होंने बांग्लादेश का जिक्र करते हुए कहा कि वहां 15 साल से सत्ता पर काबिज नेता ने विपक्ष के सभी नेताओं को जेल में बंद कर रखा है, और यही हालात यहां भी हो सकते हैं। टिकैत ने कहा कि अगर 26 जनवरी 2021 को ट्रैक्टर मार्च में किसान लाल किले की बजाय संसद की ओर गए होते, तो उस दिन ही सब कुछ खत्म हो जाता। अब लोग तैयार हैं, और आगे की तैयारी भी हो रही है।

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