RSS: आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गनाइजर ने राष्ट्रीय जनसंख्या नियंत्रण नीति की जरूरत पर जोर दिया है। पत्रिका के संपादकीय में दावा किया गया है कि देश के कई इलाकों में बड़े पैमाने पर जनसंख्या असंतुलन देखा जा रहा है। संपादकीय में इसका कारण मुस्लिम आबादी में बढ़ोतरी बताया गया है। RSS ऑर्गनाइजर पत्रिका के ताजा अंक के संपादकीय में जनसंख्या के मामले में नीतिगत हस्तक्षेप की भी अपील की गई है। इसके साथ ही पत्रिका ने विपक्षी दलों के नेताओं खासकर राहुल गांधी और ममता बनर्जी पर भी निशाना साधा है।
RSS पत्रिका लिखती है कि राष्ट्रीय स्तर पर जनसंख्या स्थिर होने के बावजूद कुछ इलाकों में एक खास धर्म की आबादी संतुलित नहीं है। खासकर सीमावर्ती जिलों में मुस्लिम आबादी में खासी बढ़ोतरी देखी गई है। इसके साथ ही संपादकीय में यह भी टिप्पणी की गई है कि जब लोकतंत्र में प्रतिनिधित्व के लिए संख्या महत्वपूर्ण होती है, तो यह आबादी फैसले को प्रभावित करती है। इसलिए इस प्रवृत्ति से सावधान रहने की जरूरत है।
किस राज्य में मुसलमानों की संख्या बढ़ रही है?
ऑर्गेनाइजर के संपादकीय में दावा किया गया है कि देश के सीमावर्ती राज्यों खासकर पश्चिम बंगाल, बिहार, असम और उत्तराखंड में मुसलमानों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। इसके साथ ही संपादकीय में यह भी कहा गया है कि इसका कारण इन राज्यों में अवैध घुसपैठ के कारण मुसलमानों की आबादी में वृद्धि है।
2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, असम एकमात्र ऐसा राज्य है जहाँ पिछले दशक में मुसलमानों की जनसंख्या वृद्धि दर (17.2%) हिंदुओं की वृद्धि दर (9.3%) से अधिक रही है।
हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि:
- कुल मिलाकर: भारत में मुसलमानों की वृद्धि दर (24.6%) अभी भी हिंदुओं की वृद्धि दर (30.4%) से कम है।
- अन्य राज्य: पश्चिम बंगाल, केरल और उत्तराखंड में भी 2001 से 2011 के बीच मुस्लिम आबादी में वृद्धि देखी गई है, जबकि हिंदू आबादी कम हुई है।
- कारक: मुस्लिम आबादी में वृद्धि दर को प्रभावित करने वाले कई कारक हैं, जिनमें प्रजनन दर, प्रवासन और धर्म परिवर्तन शामिल हैं।
यह ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है कि जनसंख्या वृद्धि दर एक जटिल मुद्दा है और इसका उपयोग किसी भी समुदाय के बारे में सामान्यीकरण करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
पत्रिका ने इस बात पर जोर दिया कि हमें अपने देश में संसाधनों की उपलब्धता, भविष्य की जरूरतों और जनसंख्या असंतुलन की समस्या को ध्यान में रखते हुए एक व्यापक राष्ट्रीय जनसंख्या नीति बनानी चाहिए और इसे सभी पर समान रूप से लागू करना चाहिए।
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संपादकीय में राहुल, ममता पर हमला
इसके साथ ही आरएसएस पत्रिका के संपादकीय में कांग्रेस सांसद विपक्ष के नेता राहुल गांधी और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर भी हमला बोला गया है। संपादकीय में लिखा गया है कि राहुल गांधी जैसे नेता हिंदू भावनाओं का अपमान कर सकते हैं, जबकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मुस्लिम कार्ड खेलती हैं और द्रविड़ पार्टियां सनातन को गाली देती हैं। संपादकीय में इसे भी जनसंख्या असंतुलन का कारण बताया गया है।
ऑर्गनाइजर ने जनसंख्या को लेकर चेताया
इसके साथ ही ऑर्गनाइजर के संपादकीय में सरकार और आम लोगों को भी चेताया गया है। पत्रिका ने कहा है कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से विस्थापन से सीख लेने की जरूरत है। इसका तुरंत समाधान किया जाना चाहिए। पत्रिका में यह भी लिखा है कि क्षेत्रीय असंतुलन के महत्व को गंभीरता से समझने की जरूरत है। इसका असर भविष्य में संसदीय क्षेत्रों के परिसीमन पर पड़ सकता है।