Shahjahanpur: एक इंटरनेट मीडिया आउटलेट ने बुधवार को एक पत्र प्रसारित किया जिसमें जिला जेल परिसर के भीतर शराब-बिरयानी पार्टी का आरोप लगाया गया. हालांकि जेल अधिकारियों ने इसे फर्जी बताकर खारिज कर दिया, लेकिन आरोपों पर दिन भर चर्चा का विषय बना रहा.
सोशल मीडिया पर वायतल हुआ लेटर
10 जेल स्टाफ सदस्यों के नाम से सोशल मीडिया पर वायतल लेटर में दावा किया गया है कि समाजवादी पार्टी (एसपी) से जुड़े एक हिश्ट्रीशीटर ने लोकसभा चुनाव के परिणाम के आने से पहले जेल में जश्न मनाया गया था. इसमें आरोप लगाया गया कि जश्न के दौरान, जिसमें शराब, बिरयानी और अंडा जैसी चीजें शामिल थीं, जब सुरक्षाकर्मी ने अधिकारियों से शिकायत कि, तो पार्टी की चीजें जब्त कर ली गईं, लेकिन पूरी घटना को दबा दिया गया था। घटना की सूचना देने वाला सुरक्षाकर्मी को अब डराया और धमकाया जा रहा है।
पुरस्कार के तौर पर पैसे भी दिए
जिला मजिस्ट्रेट (Shahjahanpur) को संबोधित पत्र के अनुसार, घटना 16 मई की रात को हुई. शराब पार्टी के दौरान, कुछ स्टाफ सदस्यों को पुरस्कार के तौर पर पैसे भी दिए गए थे. इस घटना के दौरान ही एक सुरक्षा गार्ड ने अधिकारियों को फोन करके इस मामले के बारे में बताया जिसके बाद, सभी प्रतिभागियों को रंगेहाथ पकड़ लिया गया.
आगे की जांच में हिश्ट्रीशीटर से पूछताछ भी की गई थी, इसके अलावा, जांच में सहायता करने वाले स्टाफ सदस्यों से भी पूछताछ की गई और एक स्टॉफ मेंबर को ड्यूटी से हटा भी दिया गया था. अगले दिन, हिश्ट्रीशीटर ने कथित तौर पर जेल के भीतर चल रहे कदाचार की ओर इशारा करते हुए दबाव बनाना शुरू कर दिया. उसने कहा कि जेल में चल रही धांधली का भंडाफोर कर दूंगा, इन घटना के बावजूद, अधिकारी कार्रवाई करने से बचते रहे. इस बीच, जेल में बंद हिश्ट्रीशीटर ने जिसने शिकायत की थी उस सुरक्षाकर्मी को धमकी देने लगा.
विषय में कोई जानकारी नही- जेल अधीक्षक
संपर्क करने पर जेल अधीक्षक (Shahjahanpur) मिया लाल ने फोन पर बताया कि वह छुट्टी पर हैं. उन्होंने कहा कि जेल परिसर में शराब का सेवन करना या किसी भी तरह की पार्टी करना संभव नही है. उन्होंने इससे साफ तौर से इनकार कर दिया. उन्होंने यह भी कहा कि प्रसारित पत्र में लिखे आरोपों के विषय में कोई जानकारी नही है और उन्होंने आश्वासन दिया कि उनके लौटने पर मामले की सत्यता से जांच की जाएगी.
जिला जेल के भीतर शराब-बिरयानी पार्टी के आरोपों ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि अधिकारियों ने दावों को गलत बताया है, लेकिन यह घटना बहुत ही निंदनीय है.. उम्मीद है कि जेल अधीक्षक के लौटने पर अधिकारियों द्वारा इस मामले की सत्यता से जांच की जायेगी.