Sikkim Flood : जान की परवाह किए बिना सेना के जवानों ने बनाया 150 फीट लंबा सस्पेंशन ब्रिज

भारतीय सेना के त्रिशक्ति कॉर्प्स के जवानों ने एक महत्वपूर्ण कार्य किया है जिसने एक जीवन बचाने वाला पहला ब्रिज बनाया है। इस ब्रिज का लंबाई 150 फीट है और यह मौत की नदी के ऊपर बनाया गया है। ब्रिज को खड़ा करने में जवानों ने केवल 48 घंटे में सम्पूर्ण कार्य पूरा कर दिया। ब्रिज के निर्माण से फ्लैश फ्लड के कारण कटे हुए सीमाई गांव को फिर से बाकी दुनिया से जोड़ा गया है। इसके माध्यम से लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है।

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Sikkim Flood : भारतीय सेना के जवान, चाहे वे दुश्मन से जंग लड़ रहे हों या जिंदगी बचाने की जंग में शामिल हों, हमेशा सबसे आगे और सबसे दुरुस्त बने रहते हैं।
वर्तमान में देश के उत्तर-पूर्वी राज्यों में भयानक बाढ़, भूस्खलन, और फ्लैश फ्लड जैसी आपदाएं आ गई हैं। दूरबीनी और सीमांत इलाकों के गांवों में कई गांव कट गए हैं। इस प्रकार के कटे हुए गांवों को वापस जोड़ने के लिए सेना ने कार्रवाई की है।

त्रिशक्ति कॉर्प्स के जवानों ने कायम की मिसाल

वीडियो में दिखाया गया है कि भारतीय सेना के त्रिशक्ति कॉर्प्स के जवान, यानी इंजीनियर, एक तेज बहाव वाली नदी के ऊपर सस्पेंशन ब्रिज बना रहे हैं। इस कार्य में दिखाया गया है कि दो जवान बहुत ही सावधानी और कुशलता से काम कर रहे हैं, जबकि नदी के नीचे बाढ़ की लहरें तेज गति से बह रही हैं। नदी का बहाव इस समय करीब 40 किलोमीटर प्रति घंटा है, जो किसी भी समय मौत का कारण बन सकता है। इसके बावजूद, भारतीय सेना के त्रिशक्ति कॉर्प्स के जवानों ने अंतिम तक़ कठिन मेहनत करके 48 घंटे में एक 150 फीट लंबा सस्पेंशन ब्रिज बनाया है। इस ब्रिज के ज़रिए, आपदा से कटे हुए गांव के लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है।

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सिक्किम बना आपदाओं का अड्डा 
सिक्किम में हाल ही में एक भयानक भूस्खलन हुआ था, जिसके कारण छह लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना से 1500 से अधिक पर्यटक फंस गए थे। यह घटना मंगन जिले में हुई थी। इस बीच, एक नया ब्रिज भी लैंडस्लाइड की वजह से टूट गया था और मंगल जिले का कनेक्शन भी इस घटना के बाद खत्म हो गया था। पिछले साल 3 अक्तूबर की रात भी तीस्ता नदी में फ्लैश फ्लड आया था।
यह फ्लैश फ्लड ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड था, जिसे GLOF कहा जाता है। इसी तरह के हादसे 2013 में केदारनाथ और 2021 में चमोली में भी घटे थे। पिछले साल सिक्किम में भी एक फ्लैश फ्लड आया था, जिसके कारण 88,400 लोग प्रभावित हुए थे। इस हादसे में 40 लोगों की मौत हो गई थी और 76 लोग लापता थे। 33 ब्रिज गायब हो गए थे और दो सरकारी इमारतें व 16 सड़कें क्षतिग्रस्त हुई थीं।
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