नई दिल्ली। महिला आरक्षण बिल को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव अपने पिता स्व. मुलायम सिंह यादव के राह पर चल पड़े हैं. उन्होंने इस बिल का विरोध करते हुए पछड़ों के लिए अलग आरक्षण देने की मांग उठाई है. यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर PDA के प्रतिशत को लेकर सवाल उठाए हैं. पिछली बार जब कांग्रेस द्वारा ये बिल लाया गया था, तो सपा और जेडीयू ने लोकसभा में इसका विरोध किया था.
सपा ने उठाई PDA के लिए अलग आरक्षण की मांग
बता दें कि जब पिछली बार केंद्र की कांग्रेस सरकार द्वारा राज्य सभा से महिला आरक्षण बिल को पारित कर लिया गया था, तब लोकसभा में सपा और जेडीयू ने इसका विरोध किया था. अब सपा मुखिया अखिलेश यादव भी उनके रास्ते पर चल रहे हैं. उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा कि, ‘रकार द्वारा लाए जा रहे महिला आरक्षण बिल पर सामाजिक न्याय और लैंगिक न्याय का संतुलन होना चाहिए. इसमें पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी (PDA) की महिलाओं का आरक्षण निश्चित प्रतिशत रूप में स्पष्ट होना चाहिए।’
महिला आरक्षण लैंगिक न्याय और सामाजिक न्याय का संतुलन होना चाहिए।
इसमें पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी (PDA) की महिलाओं का आरक्षण निश्चित प्रतिशत रूप में स्पष्ट होना चाहिए।— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 19, 2023
पीएम मोदी ने कहा नारी शक्ति अधिनियम
गौरतलब है कि गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को पेश किया गया. इस बिल का नाम नारी शक्ति वंदन विधेयक रखा गया है और पीएम मोदी इसे नारी शक्ति अधिनियम कहा. 2 बजकर 12 मिनट पर ये लोकसभा में पेश हुआ, अभी लोकसभा में सिर्फ 82 महिला सांसद हैं, लेकिन राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद बिल जब कानून बन जाएगा, तब लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 181 हो जाएगी.
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128वां संविधान संशोधन विधेयक के रूप में पेश
19 सितबंर को गणेश चतुर्थी के खास मौके पर पुराने संसद के कामकाज को नए संसद भवन में पूरी तरह शिफ्ट किया गया. इस खास मौके पर प्रधानमंत्री मोदी सभी सांसदों के साथ पुरानी संसद से नए संसद तक पैदल पहुंचे. इसके अलावा 128वां संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा पेश किया. लेकिन विपक्ष ने इसको लेकर हंगामा करना शुरू कर दिया. अब लोकसभा की कार्यवाही को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.