UP Bulldozer Action: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी में उपचुनाव और दो राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले बुलडोजर कार्रवाई पर कड़ी टिप्पणी की है। सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि याचिका में उठाया गया मुद्दा कुछ दिशा-निर्देश देता है। साथ ही कोर्ट ने निर्णय दिया कि आरोपी होने के आधार पर किसी व्यक्ति का घर गिराना उचित नहीं है। बुलडोजर कार्रवाई को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया है।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद अखिलेश यादव और मायावती ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह फैसला यूपी सरकार के मुंह पर तमाचा है। देश में हर कोई चाहता है कि कानून व्यवस्था खराब न हो, लेकिन इसके लिए एक समान मापदंड होना चाहिए। जैसे किसी जिले के टॉप-10 अफसरों की लिस्ट बनाई जाए और उसके हिसाब से कार्रवाई की जाए। इसी तरह नेताओं की भी लिस्ट बनाई जाए। जाति और धर्म के आधार पर किसी को विशेष लाभ नहीं दिया जाना चाहिए। न ही जाति और धर्म के आधार पर बुलडोजर की कार्रवाई की जानी चाहिए।
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योगी सरकार का हलफनामा हास्यास्पद
अखिलेश बुलडोजर कार्रवाई पर यूपी सरकार के हलफनामे की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यूपी में नगर निगम अफसरों को आरोपी के घर के अवैध होने का पता तब क्यों चलता है जब उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो जाती है। यह जानकारी उससे पहले क्यों नहीं सामने आती। वरिष्ठ पत्रकार ने हलफनामे को हास्यास्पद बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है।
UP में योगी राज के पिछले 10 सालों में जो सबसे बड़ा बदलाव आया है वो कानून व्यवस्था को लेकर है. 25 साल पहले ये स्थिति नहीं थी. बता दें कि आने वाले कुछ महीनों में यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इससे पहले योगी सरकार की बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट की ये टिप्पणी चुनावी मुद्दा बन सकती है. अखिलेश यादव इसे योगी सरकार की विफलता के तौर पर दिखाएंगे.