UP PCS J: अब पीसीएस जज की भर्ती में भी निकला स्कैम, इलाहबाद हाई कोर्ट ने दिया कार्यवाई का आदेश

हैरान करने वाली बात यह है कि यूपी पीसीएस जे 2022 की जिस भर्ती परीक्षा में अनियमितता की बात सामने आई है, उसका अंतिम परिणाम कई महीने पहले ही जारी हो चुका है।

UP PCS J: मेडिकल संस्थानों में दाखिले के लिए नीट परीक्षा में कथित धांधली को लेकर हंगामा अभी थमा भी नहीं है कि अब उत्तर प्रदेश में सिविल जज के पदों (UP PCS J) पर भर्ती के लिए यूपी लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित पीसीएस जे की मुख्य परीक्षा में अनियमितता का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस मामले में न सिर्फ आरोप लगे हैं, बल्कि खुद यूपी लोक सेवा आयोग ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में माना है कि रिजल्ट तैयार करने वाले अफसरों की लापरवाही की वजह से पचास अभ्यर्थियों की कॉपियां गलत कोडिंग की वजह से बदल गईं। आयोग ने रिजल्ट तैयार करने वाले पांच अफसरों को दोषी माना है और तीन को निलंबित कर दिया है।

UP PCS J

यूपी पीसीएस जे 2022 भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी: मुख्य बातें

क्या हुआ:

कैसे हुई गड़बड़ी:

हैरान करने वाली बात यह है कि यूपी पीसीएस जे 2022 की जिस भर्ती परीक्षा में UP PCS J) अनियमितता की बात सामने आई है, उसका अंतिम परिणाम कई महीने पहले ही जारी हो चुका है। लगभग सभी अभ्यर्थी चयनित पदों पर ज्वाइन भी कर चुके हैं। ऐसे में हाईकोर्ट ने पूछा है कि प्रभावित अभ्यर्थियों के लिए आयोग अब क्या कर रहा है और यह भी बताने को कहा है कि अगर कोई चयनित अभ्यर्थी परिणाम में बदलाव के कारण बाहर होता है तो उसके लिए क्या किया जाएगा।

अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई

अभ्यर्थी श्रवण कुमार पांडेय की याचिका पर सुनवाई के बाद यूपी लोक सेवा (UP PCS J) आयोग ने यूपी पीसीएस जे 2022 की मुख्य परीक्षा के पचास अभ्यर्थियों की कॉपियों की अदला-बदली की बात स्वीकार की है। आयोग ने हाईकोर्ट को बताया कि पच्चीस-पच्चीस कॉपियों के दो बंडल आपस में बदल गए थे और इस कारण पचास कॉपियों पर गलत कोडिंग हो गई थी। इस मामले में जांच के बाद आयोग ने परीक्षा से जुड़े अपने पांच अधिकारियों को दोषी पाया है। इनमें से तीन को निलंबित कर दिया गया है। एक अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई है। जबकि एक सेवानिवृत्त महिला अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन से अनुमति मांगी गई है।

प्रभाव:

आगे क्या होगा:

आयोग ने लापरवाही बरतने के आरोप में अनुभाग अधिकारी शिव शंकर, समीक्षा अधिकारी नेहा शुक्ला और सहायक समीक्षा अधिकारी भगवती देवी को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा पर्यवेक्षक का काम देखने वाले उप सचिव सतीश चंद्र मिश्रा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई है और उन्हें आरोप पत्र जारी किया जा रहा है। कुछ दिन पहले सेवानिवृत्त हुईं सहायक समीक्षा अधिकारी चंद्रकला को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन से मंजूरी मांगी गई है। उनके खिलाफ नियम 351 ए के तहत कार्रवाई के लिए मंजूरी मांगी गई है।

आयोग सचिव अशोक कुमार ने कहा है कि मानवीय भूल के कारण कॉपियों के बंडल में गलत कोडिंग हुई थी। आयोग ने यह (UP PCS J) भी कहा है कि भविष्य में ऐसी गलती रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। गौरतलब है कि गलत कोडिंग के कारण बदली गई सभी कॉपियां अंग्रेजी विषय की थीं। अंग्रेजी का पेपर 100 अंकों का था।

खुद की हैंडराइटिंग न होने का आरोप

पीसीएस जे परीक्षा 2022 के तहत आयोग ने 302 पदों पर अभ्यर्थियों को चयनित घोषित कर दिया है। चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति भी हो गई है। हाईकोर्ट ने अब आयोग से पूछा है कि वह बताए कि जिन पचास अभ्यर्थियों की कॉपियां गलत कोडिंग के कारण बदली गई हैं, उनके रिजल्ट का क्या होगा। परीक्षा परिणाम नए सिरे से घोषित होने के बाद कितने अभ्यर्थी बाहर होंगे और कितने नए अभ्यर्थियों को जगह मिलेगी। जो नियुक्त हैं और कार्यरत हैं, उनके बारे में क्या निर्णय लिया जाएगा।

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अन्य बातें:

आयोग ने यूपी लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष को नए सिरे से हलफनामा दाखिल कर यह सारी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है। कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई 8 जुलाई को करेगा। मामले की सुनवाई जस्टिस एसडी सिंह और जस्टिस अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ में हो रही है। याचिकाकर्ता अभ्यर्थी श्रवण कुमार पांडेय ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए आरोप लगाया था कि कॉपी देखने पर उनकी हैंडराइटिंग नहीं थी। श्रवण का मामला यूपी के राजभवन तक भी पहुंच चुका है। इस मामले में हंगामा मचने के बाद आयोग ने पिछले दिनों मुख्य परीक्षा में शामिल सभी अभ्यर्थियों को कॉपियां दिखाने का फैसला किया था। याचिकाकर्ता श्रवण फिलहाल उत्तराखंड हाईकोर्ट में वकालत कर रहे हैं। अधिवक्ता विभू राय इलाहाबाद हाईकोर्ट में उनके मामले की पैरवी कर रहे हैं।

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