Uttar Pradesh: पहली बारिश के बाद अयोध्या के राम पथ में पड़े गड्ढे भ्रष्टाचार की कहानी बयां कर रहे थे, तभी मथुरा से एक और बड़ा भ्रष्टाचार का मामला सामने आया। योगी सरकार के भ्रष्टाचार विरोधी दावों को धता बताते हुए, मथुरा में तीन साल पहले बनी पानी की टंकी भ्रष्टाचार की वजह से गिर गई।
जिससे दो महिलाओं की जान चली गई और इलाके में पानी फैल गया। अब सवाल उठ रहे हैं कि ऐसा निर्माण कार्य कैसे हुआ जो तीन साल में ही ध्वस्त हो गया। आखिर इसका निर्माण किस ठेकेदार ने किया था और किसकी शह पर निर्माण के मानकों का पालन नहीं हुआ?
पानी की टंकी गिरने से 2 महीलाओं की मौत
मथुरा (Uttar Pradesh) के थाना कोतवाली क्षेत्र के कृष्ण विहार कॉलोनी में तीन साल पहले पानी की टंकी बनाई गई थी, लेकिन कल अचानक यह टंकी गिर गई। माना जा रहा है कि निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया था, जिससे पहली ही बारिश में टंकी गिर गई।
पानी की टंकी गिरने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया और पानी हर जगह फैल गया। इस हादसे में 10 लोग घायल हुए हैं और दो महिलाओं की मौत हो गई है। अभी भी मलबे के नीचे किसी के दबे होने की संभावना है। पुलिस-प्रशासन रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहा है।
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3 साल पहले बनी थी पानी की टंकी
जानकारी के मुताबिक, पानी की टंकी का निर्माण तीन साल पहले हुआ था और यह 2 लाख लीटर की क्षमता की थी। जैसे ही टंकी गिरी, सारा पानी सड़कों पर आ गया और आसपास की बस्तियों में फैल गया, जिससे कई लोग घायल हो गए और इलाके के लोगों को भारी नुकसान हुआ। इस टंकी का निर्माण गंगा जल की आपूर्ति के लिए किया गया था।
मौके पर पहुचें मथुरा जिलाधिकारी
हादसे की खबर मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। खुद जिलाधिकारी मथुरा, शैलेंद्र कुमार, मौके पर पहुंचे। डीएम ने पुष्टि की है कि इस हादसे में दो महिलाओं की मौत हुई है और 10 घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। डीएम मथुरा ने बताया कि पानी की टंकी का निर्माण साल 2021 में हुआ था और इस मामले की गहनता से जांच की जाएगी।