Uttar Pradesh: विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष का ऐलान हो गया है। माता प्रसाद पांडे को इस पद के लिए चुना गया है। वे अखिलेश सरकार में विधानसभा अध्यक्ष थे और सात बार विधायक रह चुके हैं। माता प्रसाद सिद्धार्थ नगर के इटवा विधानसभा सीट से विधायक हैं।
माता प्रसाद को मिली बड़ी जिम्मेदारी
जानकारी के अनुसार, नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में इंद्रजीत सरोज, रामअचल राजभर और तूफानी सरोज भी शामिल थे, लेकिन अंत में माता प्रसाद पांडे के नाम पर मुहर लगी। माता प्रसाद को प्रदेश की राजनीति में एक प्रभावशाली नेता के रूप में जाना जाता है और वे उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) विधानसभा के स्पीकर भी रह चुके हैं। उन्हें अखिलेश यादव का करीबी माना जाता है।
इससे पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव खुद ही नेता प्रतिपक्ष थे। वे मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से विधायक थे। लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव में कन्नौज से सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने करहल विधानसभा सीट और नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ दिया था। इसके बाद अब समाजवादी पार्टी के इटवा विधानसभा सीट से विधायक माता प्रसाद पांडे को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है।
कौन है माता प्रसाद पांडेय?
माता प्रसाद पांडेय का जन्म 31 दिसंबर 1942 को सिद्धार्थनगर में हुआ था। छात्र जीवन से ही उनका रुझान राजनीति की ओर था। समाज के गरीब और वंचित लोगों के उत्थान के लिए उन्होंने कई राजनीतिक आंदोलनों में भाग लिया। मुलायम सिंह के समय से राजनीति में सक्रिय माता प्रसाद पार्टी के कद्दावर नेताओं में से एक हैं।
आपको बता दें कि उन्होंने अपना पहला चुनाव 1980 में जनता पार्टी से लड़ा और पहली बार विधानसभा में प्रवेश किया। माता प्रसाद पांडेय सात बार विधायक रह चुके हैं। वे मुलायम और अखिलेश यादव सरकारों में विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुके हैं। पहले वे मुलायम सिंह के बहुत करीबी थे। वर्तमान में वे सिद्धार्थनगर की इटवा विधानसभा सीट से विधायक हैं।