Uttarakhand News : आज कैबिनेट में पेश होगा समान नागरिक संहिता कानून, कमेटी ने सरकार को सौंपा UCC का फाइनल ड्राफ्ट

Uttarakhand News: Uniform Civil Code law will be presented in the cabinet today, the committee submitted the final draft of UCC to the government.

उत्तराखंड। (UCC) समान नागरिक संहिता कानून के लिए बनी स्पेसल कमेटी ने अपनी फाइनल ड्राफ्ट रिपोर्ट गुरुवार को उत्तराखंड सरकार को सौंप दी। आज यह रिपोर्ट कैबिनेट में पेश की जाएगी। जहां कैबिनेट के निर्णय के बाद इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा। राज्य विधानसभा में 5 फरवरी को विशेष सत्र बुलाया गया है।

विशेष सत्र में पेश होगा विधेयक 

गौरतलब है कि  UCC के लिए बनी एक्सपर्ट कमेटी के चेरपर्सन रंजना प्रकाश देसाई ने कानून की फाइनल रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपी। जिसको लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लंबे समय से इसके इंतजार में थे। अब इस रिपोर्ट को 3 फरवरी को कैबिनेट में पेश किया जाएगा। जिसके बाद इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा। जिसके लिए विशेष सत्र बुलाया गया है। यह विधानसभा में सत्र के दूसरे दिन यानि 6 फरवरी को विधेयक के तौर पर सदन में चर्चा के लिए पेश किया जाएगा।

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UCC ड्राफ्ट कमेटी में 5 लोग शामिल

UCC के बनी कमेटी के लिए 5 लोगों को शामिल किया गया है। जिसकी अध्यक्षता जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई कर रहे थे। बाकी अन्य लोगों में सिक्किम के मुख्य न्यायधीश प्रमोद कोहली, उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघन सिंह, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल और समाज सेवी मनु गौड़ शामिल है। अलग अलग जगहों पर शोध करके इस ड्राफ्ट किया जाएगा।

क्या है UCC ?

सामान्य तौर पर किसी देश में 2 तरह के कानून होते है। क्रिमिनल लॉ और सिविल लॉ। क्रिमिनल लॉ में चोरी, लूट, मार-पीट आदि आपराधिक मामलें आतें है। इस कानून के अंतर्गत व्यक्ति किसी भी धर्म, जाती, समुदाय का हो उसे उसके द्वारा किए जा रहे, अपराध के लिए एक ही तरह का सजा मिलती है। लेकिन शादी, ब्याह और संपत्ति से जुड़े मामले सिविल कानून के अंतर्गत आते है। भारत में यह कानून विभिन्न धर्म, जाती संप्रदाय आदि के अलग अलग कानून है उदाहरण के लिए भारत में हिंदुओं की शादी हिन्दू मैरिज एक्ट के जरिए होते है। जबकि मुस्लिमों की शादी मुस्लिम पर्सनल लॉ के जरिए होता है। इसलिए एक देश एक विधान के तहत इस सिविल लॉ को खत्म करने के लिए UCC का प्रावधान किया गया है। जिसके अंतर्गत के सभी पर्सनल लॉ और सिविल कानूनों को खत्म कर एक जैसा कानून बनाया जाएगा।

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