ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के कार्यकर्ताओ ने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) पिछले कई समय से लगातार सनातन विरोधी बयानों को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं। रामचरितमानस से लेकर साधु-संतों पर दिए गए उनके बयानों से सनातन समाज में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है। जिसके बाद अब वाराणसी में ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद ने मौर्य पर पलटवार किया है और वो पलटवार ऐसा जिसके बारे में कभी स्वामी प्रसाद मौर्य ने सोचा नहीं होगा।
स्वामी प्रसाद मौर्य को भेजा गया बुर्का
बता दें कि आपको सुनकर हैरानी होगी कि ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद ने स्वामी प्रसाद मौर्य को एक बुर्क भेजा है…जी हां ठीक सुना आपने… इतना ही नहीं उन्होंने तो स्वामी प्रसाद मौर्य से ये भी मांग की है कि वो यही बुर्का पहनकर अपनी वास्तविक पहचान के साथ देश की हिंदू समाज के सामने आएं। उनकी इन बयानबाजियों से आहत होकर हम उन्हे बुर्का सेट गिफ्ट कर रहे हैं। जिसे पहनकर वो अपनी असली पहचान दुनिया और देश के हिंदू समाज को दे सकें।
स्वामी प्रसाद की जहर उगलने वाली आदतों से हिंदू समाज काफी त्रस्त
वहीं कार्यकर्ताओं ने वाराणसी से पोस्ट द्वारा बुर्का उनके पते पर भेजा है। कहा है कि 3-4 दिन में रिसीव हो जाएगा। ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के संयोजक आनंद ज्योति सिंह ने कहा कि भाजपा से स्वामी प्रसाद मौर्य का जुड़ना और अलग होना दोनों स्वार्थ की वजह से ही था, न कि जन हित के लिए लिया गया फैसला। स्वामी प्रसाद मौर्यस भाजपा सरकार में मंत्री रहते हुए जय श्री राम के नारे लगाते थे और अब पार्टी बदलते ही गोस्वामी तुलसीदास की रामचरितमानस पर अभद्र टिप्पणी कर रहे हैं।
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कार्यकर्ताओं ने कहा कि स्वामी प्रसाद की जहर उगलने वाली आदतों से हिंदू समाज काफी त्रस्त हो चुका है। अपनी आस्था और सम्मान के प्रतीकों का अपमान अनुभव कर रहा है। यह हिंदू समाज ही है, जिसके वोटों की भीख से स्वामी प्रसाद मौर्या जैसे राजनीति के दीमक पलते हैं।