Wayanad By Election: राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में केरल की Wayanad और यूपी की रायबरेली सीट जीती थीं। अब राहुल ने वायनाड सीट छोड़ने का निर्णय लिया है। वे वहीं रायबरेली से सांसद रहेंगे। कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को वायनाड उपचुनाव में उतारने का निर्णय लिया है। इससे गांधी परिवार का एक और सदस्य साउथ से चुनावी राजनीति में शामिल हो जाएगा।
गांधी परिवार ने साउथ से एक पुराना संबंध रखता है। 1978 में इंदिरा गांधी ने कर्नाटक के चिकमगलूर से उपचुनाव जीता था। 1980 में इंदिरा ने आंध्र प्रदेश का मेडक सीट जीता। 1999 में सोनिया गांधी ने भी दक्षिण से अपना राजनीतिक करियर शुरू किया। 1999 में वे अमेठी और कर्नाटक की बेल्लारी सीटों से चुनाव लड़ीं और दोनों में जीत हासिल कीं। लेकिन वे बाद में बेल्लारी सीट छोड़ दी।
Wayanad से क्या बीजेपी स्मृति ईरानी पर दांव खेलेगी?
प्रियंका गांधी ने वायनाड में चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है, जिसके बाद सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है कि बीजेपी इस सीट से किसे उम्मीदवार बनाएगी। यह भी चर्चा में है कि स्मृति ईरानी, बीजेपी की शीर्ष नेता, Wayanad सीट से बाहर हो सकती है। यद्यपि स्मृति ईरानी इस बार अमेठी में के एल शर्मा से लोकसभा चुनाव हार गई हैं, लेकिन 2019 में वे कांग्रेस के गढ़ अमेठी में राहुल गांधी को हरा चुकी हैं। ऐसे में बीजेपी उन्हें इस पद से हटा सकती है, जिससे मुकाबला दिलचस्प हो जाएगा।
1999 में सुषमा स्वराज ने सोनिया गांधी के खिलाफ लड़ा चुनाव
बीजेपी ने पहले भी टिकटों पर आश्चर्यजनक निर्णय लिए हैं। 1999 में सोनिया गांधी के बेल्लारी में डेब्यू की चर्चा हुई, तब बीजेपी ने सुषमा स्वराज को इस सीट से टिकट देकर चुनाव को दिलचस्प बना दिया। इस सीट पर सुषमा ने सोनिया गांधी को कड़ी टक्कर दी थी। इसके बावजूद, वे इस चुनाव में पराजित हो गईं। सोनिया गांधी को 44000 वोट मिले। सुषमा स्वराज ने साढ़े तीन लाख से अधिक वोट पाए थे। इस चुनाव में सोनिया गांधी ने लगभग 56,000 वोटों से जीत हासिल की थी।