नई दिल्ली। दिल्ली शराब मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind kejriwal को कल देर रात ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। उनकी गिरफ़्तारी के बाद कयास लगाए जा रहें है कि मुख्यमंत्री जेल से ही सरकार चलाएंगे या अपने पद से इस्तीफ़ा देंगे। हालांकि दिल्ली सरकार में मंत्री और आप नेता आतिशी ने उनके इस्तीफे को लेकर कहा कि जरूरत पड़ी तो केजरीवाल जेल से ही सरकार चलाएंगे। ऐसे मे चलिए जानते है कि अरविंद केजरीवाल के गिरफ़्तारी के बाद क्या उन्हें इस्तीफ़ा देना पद सकता है या वो जेल के भीतर से सरकार चला सककते हैं।
Kejriwalगिरफ्तार होने वाले पहले मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहले ऐसे मुख्यमंत्रिव हैं जिन्हें पद पर रहते हुए गिरफ्तार किया गया है। अभी तक किसी भी मुख्यमंत्री की गिरफ़्तारी पद पर रहते हुए नही हुई थी। इसी साल उनसे पहले झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भी गिरफ़्तारी हुई थी। लेकिन उन्होंने पद से पहले ही इस्तीफ़ा दे दिया था। जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
पहले समन से ही Kejriwal गिरफ़्तारी के कयास
इससे पहले नवंबर में दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwalको ईडी द्वारा भेजे गए पहले समन के बाद से ही उनकी गिरफ़्तारी के कयास लगाए जा रहे थे। उसी समय से उनके मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के भी कयास लगाए जा रहे थे। उनकी गिरफ़्तारी के बाद उनके मुख्यमंत्री पद पर बने रहने को लेकर दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री थे, हैं और रहेंगे।
क्या जेल से चल सकती है सरकार
कहने को ये थोड़ा अजीब और अतार्किक लग सकता है,लेकिन संविधान में ऐसा कानून या प्रावधान नही जो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जेल से सरकार चलाने के लिए रोक सके। लेकिन ऐसा करना मुख्यमंत्री केजरीवाल के लिए आसान नही होगा। जिसके पीछे जेल के अपने नियम कानून है।
क्या इस्तीफा देंगे Kejriwal ?
1951 के जनप्रतिनिधि कानून के अनुसार ऐसा कहीं नहीं है कि जेल जाने पर किसी मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद या विधायक को अपने पद से इस्तीफा देना होगा। इसके साथ साथ किसी संवैधानिक पद पर किसी व्यक्ति को तब अयोग्य करार दिया जाता है जब मामले में उसे दोषी करार दिया गया हो। इसलिए केजरीवाल अपने पद से इस्तीफा देने के लिए बाध्य नहीं हैं।