नई दिल्ली। नए संसद भवन के लोकसभा में केंद्रीय मंत्री द्वारा महिला आरक्षण बिल को पेश किया गया था. अब 20 सितबंर यानी बुधवार के दिन इस बिल को लोकसभा से पास हो गया है. संसद में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने बिल का समर्थन किया. इस बिल के पक्ष में 454 वोट पड़े और विरोध में 2 वोट पड़े.
राज्यसभा से 2 तिहाई बहुमत से करना होगा पास
नए संसद भवन के लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को पास कर लिया गया है. सदन की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इसका सपोर्ट किया. इसके पक्ष में 454 और विपक्ष में 2 वोट पड़ें. अब राज्यसभा को इस विधेयक को दो-तिहाई बहुमत से पास करना होगा और फिर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ये कानून में बदल जाएगा. महिला आरक्षण केवल 15 साल के लिए ही वैध होगा. लेकिन इस अवधि को संसद आगे बढ़ा सकती है.
एससी-एसटी समुदाय की ऐसी रहेगी भागीदारी
लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए सीटें आरक्षित हैं, इन आरक्षित सीटों में से एक तिहाई सीटें अब महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएंगी इस समय लोकसभा की 131 सीटें एससी-एसटी के लिए आरक्षित हैं. महिला आरक्षण विधेयक के क़ानून बन जाने के बाद इनमें से 43 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. इन 43 सीटों को सदन में महिलाओं के लिए आरक्षित कुल सीटों के एक हिस्से के रूप में गिना जाएगा
जानिए परिसीमन का क्या है कवायद
बता दें कि महिलाओं के लिए आरक्षित 181 सीटों में से 138 ऐसी होंगी जिन पर किसी भी जाति की महिला को उम्मीदवार बनाया जा सकेगा इन सीटों पर उम्मीदवार पुरुष नहीं हो सकते. यह गणना लोकसभा में सीटों की वर्तमान संख्या पर की गई है, परिसीमन के बाद इसमें बदलाव आने की संभावना है. इसके बाद जनगणना के बाद परिसीमन की कवायद की जाएगी. परिसीमन में लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों की जनसंख्या के आंकड़ों के आधार पर सीमाएं तय की जाती हैं. पिछला देशव्यापी परिसीमन 2002 में हुआ था. इसे 2008 में लागू किया गया था. कुल मिलाकर परिसीमन के बाद इस कानून का असर साल 2026 से दिखेगा और 2024 लोकसभा इससे अछूता रहेगा.
महिला आरक्षण बिल के बारे कुछ रोचक जानकारी
महिला आरक्षण के लिए पेश किया गया विधेयक 128वां संविधान संशोधन विधेयक है
कानून बनने के बाद महिलाओं को लोकसभा और राज्यों विधानसभाओं में 33% की भागीदारी मिलेगी
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की विधानसभा में एक तिहाई सीटें भी महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी
लोकसभा की 543 सीटों में से 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी
पुदुचेरी जैसे केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित नहीं की गई हैं