अब BSF खड़ी करेगा खुद की ड्रोन रडार, ISRO की मदद से बिना बॉर्डर क्रॉस किए दुश्मनों की होगी निगरानी

बीएसएफ ने टेकनपुर अकादमी में ड्रोन वॉरफेयर स्कूल की स्थापना की है। इसरो के साथ मिलकर बीएसएफ अब ऐसे उन्नत ड्रोन विकसित करेगा, जिनमें रडार लगे होंगे और जो भारत-पाकिस्तान सीमा पर चौबीसों घंटे निगरानी कर सकेंगे। ये ड्रोन धुंध और बारिश जैसे मुश्किल मौसम में भी घुसपैठ और तस्करी की गतिविधियों को पहचानकर तुरंत अलर्ट भेजने में सक्षम होंगे। इन्हें दुर्गम इलाकों में आसानी से तैनात किया जा सकेगा और ये दुश्मन के ड्रोन की पहचान और ट्रैकिंग भी कर सकेंगे।

BSF Drone Warfare School

BSF Drone Warfare School : देश की पहली रक्षा पंक्ति मानी जाने वाली सीमा सुरक्षा बल (BSF) अब सरहदों की निगरानी में नई तकनीकों का उपयोग कर अपनी क्षमताओं को और मजबूत करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। टेकनपुर स्थित बीएसएफ अकादमी में ‘स्कूल ऑफ ड्रोन वॉरफेयर’ की स्थापना की गई है, जिससे यह स्पष्ट है कि बीएसएफ भविष्य की चुनौतियों के लिए पूरी तरह तैयार रहना चाहती है।

ड्रोन वॉरफेयर की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए बीएसएफ ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) से साझेदारी की है। इस सहयोग के तहत अब ऐसे ड्रोन तैयार किए जाएंगे जिनमें मिनी रडार सिस्टम लगे होंगे। ये ड्रोन भारत-पाकिस्तान सीमा जैसे संवेदनशील इलाकों में दूर-दराज के क्षेत्रों और खराब मौसम में भी निगरानी कर सकेंगे। बीएसएफ अधिकारियों के मुताबिक, आने वाले महीनों में इन रडार से लैस ड्रोन का विकास कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

जहां आंखें न पहुंचें, वहां भी रहेगी नज़र

परंपरागत निगरानी तंत्र सीमित क्षेत्रों तक ही कारगर होते हैं, लेकिन रडार-सुसज्जित ड्रोन उन दुर्गम और अंधेरे इलाकों में भी काम कर सकते हैं जहां इंसानी नजर या ऑप्टिकल कैमरे नहीं पहुंच पाते। ये ड्रोन दिन-रात, धुंध, बारिश और खराब मौसम में भी लक्ष्य की पहचान करने में सक्षम हैं। इन रडारों की सबसे खास बात यह है कि ये चलते हुए वाहनों, घुसपैठियों या हथियार ले जा रहे तत्वों की गतिविधियों को तुरंत पकड़ लेते हैं और बीएसएफ को रीयल-टाइम अलर्ट भेजते हैं, जिससे समय रहते कार्रवाई की जा सकती है।

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आज के समय में छोटे, कम ऊंचाई पर उड़ने वाले दुश्मन ड्रोन सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुके हैं। ऐसे में बीएसएफ का यह नया सिस्टम उन्हें ट्रैक करने में बेहद उपयोगी साबित होगा। इसके अलावा, सीमा पार से हथियारों की तस्करी, ड्रग्स या अन्य अवैध गतिविधियों को भी समय रहते पकड़ा जा सकेगा। ड्रोन की मोबिलिटी यानी तेज़ी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचने की क्षमता उन इलाकों में विशेष रूप से लाभकारी होगी जहां पर स्थायी चौकी या रडार सिस्टम स्थापित करना कठिन होता है।

ये रडार युक्त ड्रोन अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक सेंसर से लैस होते हैं, जो किसी भी वस्तु की मौजूदगी, गति, दिशा और दूरी का पता लगा सकते हैं, वो भी दृश्य सीमा से परे। जहां सामान्य कैमरे धुंध, रात या पेड़-बिल्डिंग की आड़ में छिपी चीजें नहीं देख पाते, वहां रडार आधारित सिस्टम सटीक ट्रैकिंग करने में सक्षम होता है।

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