चीन के कौन से कदम से भारत की EV इंडस्ट्री पर मंडराया खतरा ,क्या हैं दुर्लभ चुंबक जिस पर लगाई रोक

चीन द्वारा दुर्लभ चुंबकों के निर्यात पर रोक से भारत की EV इंडस्ट्री संकट में है। मई के अंत तक उत्पादन रुक सकता है। SIAM ने प्रधानमंत्री से दखल देने और समाधान निकालने की अपील की है।

China ban impacts India EV industry

China ban impacts India EV industry : भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की मांग पिछले कुछ सालों में बहुत तेज़ी से बढ़ी है। कई बड़ी कंपनियों ने इस सेक्टर में अपने नए मॉडल लॉन्च किए और EV इंडस्ट्री के हिसाब से जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार किया। लेकिन अब इस तेजी से बढ़ते सेक्टर पर चीन के एक फैसले ने खतरा पैदा कर दिया है। चीन ने अब उन दुर्लभ चुंबकीय तत्वों (Rare Earth Magnets) के निर्यात पर रोक लगा दी है, जिनका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक व्हीकल की मोटर और दूसरे जरूरी हिस्सों में होता है। इससे भारत में EV उत्पादन की रफ्तार पर बड़ा असर पड़ सकता है।

क्या हैं ये दुर्लभ चुंबक और क्यों जरूरी हैं?

इन चुंबकों में नियोडिमियम (Nd), प्रेजोडिमियम (Pr), डिस्प्रोसियम (Dy) और टेरबियम (Tb) जैसे तत्व शामिल हैं। इन्हीं से इलेक्ट्रिक वाहनों की मोटर में इस्तेमाल होने वाले स्थायी चुंबक (Permanent Magnets) बनाए जाते हैं। अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार, वर्ष 2024 में चीन ने 69% दुर्लभ पृथ्वी खनिजों का उत्पादन किया था। वहीं, अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) के मुताबिक, इन चार प्रमुख तत्वों की वैश्विक आपूर्ति में चीन की हिस्सेदारी 90% से ज्यादा है।

पेट्रोल और EV गाड़ियों में कितना फर्क?

एक पेट्रोल या डीज़ल इंजन वाली गाड़ी में इन दुर्लभ तत्वों का इस्तेमाल केवल 140 ग्राम होता है, जबकि एक इलेक्ट्रिक गाड़ी में ये मात्रा बढ़कर 550 ग्राम तक पहुंच जाती है। इसके अलावा, इन चुंबकों का उपयोग पावर विंडो, स्पीकर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक फीचर्स में भी किया जाता है।

SIAM और कंपनियों की अपील

भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटो बाजार बन चुका है, जिसमें हुंडई, टाटा, मारुति, फॉक्सवैगन जैसी बड़ी कंपनियों की फैक्ट्रियां हैं। अगर चीन का यह प्रतिबंध जारी रहा, तो भारत की EV इंडस्ट्री को बड़ा झटका लग सकता है।

SIAM (Society of Indian Automobile Manufacturers) ने इस स्थिति पर चिंता जताई है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की है। SIAM इस समस्या का कोई समाधान निकालने की कोशिश कर रहा है।

कब तक रुक सकता है प्रोडक्शन?

बजाज ऑटो के एमडी राजीव बजाज ने भी इस समस्या को गंभीर बताया है। SIAM की 19 मई को हुई एक बैठक में, जिसमें टाटा, महिंद्रा और मारुति जैसी कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल थे, बताया गया कि अगर विकल्प नहीं मिले तो मई के अंत या जून की शुरुआत में EV प्रोडक्शन पूरी तरह रुक सकता है।

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