ट्रंप-पुतिन मुलाकात ने गिराई सोने की चमक, जानिए 18 अगस्त 2025 को आपके शहर में क्या है ताजा भाव!

विशेषज्ञों के अनुसार, वैश्विक तनाव कम होने से निवेशक अब सोने जैसे सुरक्षित विकल्पों से दूरी बना सकते हैं। यदि यह प्रवृत्ति जारी रहती है, तो आने वाले समय में सोने की कीमतों में और गिरावट देखी जा सकती है।

Gold Rate Today

Gold Rate Today : पिछले सप्ताह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई मुलाकात भले ही यूक्रेन में संघर्षविराम के मसले पर ठोस परिणाम नहीं दे पाई, लेकिन इसके बाद वैश्विक राजनीति में तनाव कुछ हद तक कम होता दिखा है। इसी सकारात्मक संकेत का असर सोमवार, 18 अगस्त 2025 को घरेलू बाजार में सोने और चांदी की कीमतों पर साफ दिखाई दिया। आज सोना और चांदी दोनों के भावों में गिरावट दर्ज की गई।

आज 24 कैरेट शुद्धता वाला सोना 1,02,000 रुपये प्रति 10 ग्राम की दर से बिक रहा है, जबकि 22 कैरेट सोना 92,740 रुपये प्रति 10 ग्राम पर उपलब्ध है। वहीं, चांदी की कीमत भी 100 रुपये कम होकर 1,16,100 रुपये प्रति किलो तक आ गई है।

आपके शहर में कितना है सोने का भाव?

विशेषज्ञों का मानना है कि जब वैश्विक स्तर पर राजनीतिक तनाव घटता है, तो निवेशक पारंपरिक ‘सुरक्षित’ माने जाने वाले विकल्प — जैसे कि सोना — से दूरी बनाने लगते हैं। यदि यह रुझान लंबे समय तक जारी रहता है, तो आगामी दिनों में सोने की कीमतों में और गिरावट आ सकती है।

कैसे तय होते हैं सोने चांदी के दाम ? 

सोने और चांदी की कीमतें प्रतिदिन बदलती हैं, और इसके पीछे कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू कारण होते हैं। सबसे प्रमुख कारक है डॉलर-रुपया विनिमय दर। चूंकि वैश्विक बाजार में कीमती धातुओं की कीमतें डॉलर में निर्धारित होती हैं, इसलिए डॉलर के मजबूत होने या रुपये के कमजोर पड़ने पर भारत में इन धातुओं के दाम बढ़ जाते हैं। दूसरा बड़ा कारक है आयात शुल्क और कर व्यवस्था। भारत दुनिया का सबसे बड़ा सोना आयात करने वाला देश है। इसलिए इंपोर्ट ड्यूटी, जीएसटी और राज्य स्तर के टैक्स सीधे सोने की कीमत पर असर डालते हैं।

यह भी पढ़ें : देश में पहली बार रेल पटरियों के बीच लगाया गया सोलर पैनल, बनारस…

इसके अलावा, जब वैश्विक स्तर पर आर्थिक मंदी, ब्याज दरों में भारी उतार-चढ़ाव या युद्ध जैसी स्थितियां उत्पन्न होती हैं, तो निवेशक जोखिम से बचने के लिए सोने की ओर रुख करते हैं। उस समय मांग के साथ-साथ कीमतें भी ऊपर जाती हैं। भारत में सोना केवल निवेश का माध्यम नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक प्रतीक भी है। शादियों, त्योहारों और विशेष अवसरों पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है। यही कारण है कि देश में सोने की मांग हमेशा बनी रहती है, जो कीमतों को प्रभावित करती है।

Exit mobile version