Ghaziabad में दर्दनाक हादसा: महिला दरोगा की बुलेट कुत्ते से टकराई, कार ने मारी टक्कर, दर्दनाक मौत।

गाजियाबाद में दर्दनाक हादसा: महिला दरोगा की बुलेट कुत्ते से टकराई, कार ने मारी टक्कर, दर्दनाक मौत। कानपुर की रहने वाली रिचा सचान ड्यूटी खत्म कर घर लौट रही थीं जब यह हादसा हुआ।

Ghaziabad

Ghaziabad woman inspector accident: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक दुखद दुर्घटना ने एक बार फिर से सड़कों पर आवारा जानवरों की समस्या को उजागर किया है। एक महिला सब-इंस्पेक्टर की दर्दनाक मौत हुई है, जिनकी बुलेट मोटरसाइकिल एक आवारा कुत्ते से टकरा गई। इस हादसे के बाद एक कार ने उन्हें टक्कर मार दी, जिससे उनके सिर में गंभीर चोटें आईं और उन्होंने दम तोड़ दिया। यह घटना रविवार की देर रात को हुई जब 25 वर्षीय सब-इंस्पेक्टर रिचा सचान अपनी ड्यूटी खत्म कर घर लौट रही थीं। वे मूल रूप से कानपुर की रहने वाली थीं और गाजियाबाद के कवि नगर थाने में तैनात थीं।

उनकी असामयिक मृत्यु ने Ghaziabad पुलिस विभाग को सदमे में डाल दिया है और लोगों को सड़कों पर सुरक्षा को लेकर चिंतित कर दिया है। यह Ghaziabad दुर्घटना एक ऐसे समय में हुई है जब आवारा कुत्तों को आश्रय गृहों में रखने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बहस चल रही है, जिससे यह मुद्दा और भी प्रासंगिक हो गया है।

कर्तव्य पथ पर हादसा

रविवार देर रात करीब 1 बजे, रिचा सचान कवि नगर थाने से अपनी बुलेट पर अपने किराए के कमरे, जो शास्त्री नगर के महिंद्रा एन्क्लेव में स्थित था, लौट रही थीं। कार्ट चौराहे के पास अचानक एक आवारा कुत्ता उनकी मोटरसाइकिल के सामने आ गया। रिचा ने अचानक ब्रेक लगाया, लेकिन वे अपना संतुलन खो बैठीं और सड़क पर गिर गईं। उसी क्षण, पीछे से आ रही एक तेज रफ्तार कार ने उन्हें टक्कर मार दी। इस टक्कर से रिचा को सिर में गंभीर चोट लगी और वे बेहोश हो गईं।

घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने तुरंत Ghaziabad पुलिस और एम्बुलेंस को सूचित किया। उन्हें तत्काल कवि नगर के सर्वोदय अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों के लाख प्रयासों के बावजूद, रिचा को बचाया नहीं जा सका। इलाज के दौरान ही उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी मौत की खबर सुनते ही पुलिस विभाग में शोक की लहर दौड़ गई। कवि नगर के एसीपी ने बताया कि उनका पोस्टमार्टम सोमवार शाम को कराया जाएगा और उनके परिवार को सूचित कर दिया गया है।

आवारा जानवरों का बढ़ता खतरा

यह घटना सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक गंभीर सामाजिक समस्या का प्रतिबिंब है। सड़कों पर आवारा जानवरों, विशेषकर कुत्तों की बढ़ती संख्या, पैदल चलने वालों और वाहन चालकों दोनों के लिए खतरा बनी हुई है। गाजियाबाद में यह पहली ऐसी घटना नहीं है। पिछले साल भी इसी तरह की एक घटना में एक बाइक सवार गंभीर रूप से घायल हो गया था जब उसकी मोटरसाइकिल एक कुत्ते से टकरा गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में रखने के आदेश दिए हैं, लेकिन अभी भी कई शहरों में इन आदेशों का ठीक से पालन नहीं हो पा रहा है। इस तरह की दुर्घटनाएं बार-बार यह साबित करती हैं कि इस मुद्दे पर तत्काल और ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। अधिकारियों को न केवल आवारा जानवरों के प्रबंधन के लिए प्रभावी नीतियां बनानी चाहिए, बल्कि सड़कों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाना चाहिए।

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