Doomscrolling : क्या आपने कभी सोचा है कि इंस्टाग्राम या यूट्यूब पर दिन-रात स्क्रॉल करना भी नौकरी बन सकता है? जिस आदत को अब तक लोग बेकार समझते थे, वही अब डिजिटल करियर का हिस्सा बन गई है। इस ट्रेंड को चर्चा में लाया है Monk Entertainment के को-फाउंडर और सीईओ विराज शेट ने उन्होंने इंस्टाग्राम पर बताया कि उनकी कंपनी अब ‘डूमस्क्रोलर्स’ को हायर कर रही है। यानी, घंटों सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करना अब काम का नया नाम है।
डूमस्क्रोलिंग क्या है?
डूमस्क्रोलिंग शब्द पहली बार कोविड-19 महामारी (2020) के दौरान चर्चा में आया। इसका मतलब है। लगातार सोशल मीडिया या न्यूज ऐप्स पर खबरें और पोस्ट स्क्रॉल करते रहना, खासकर नकारात्मक खबरें। यह आदत कई बार घंटों तक चलती है और मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालती है। इससे चिंता, अवसाद, नींद की कमी और ध्यान भटकने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
अनोखी नौकरी का ऐलान
विराज शेट ने इंस्टाग्राम पर लिखा “Hiring doom-scrollers”। इसके साथ उन्होंने कुछ मजेदार योग्यताएं भी बताईं:
इंस्टाग्राम/यूट्यूब पर 6 घंटे से ज्यादा स्क्रीन टाइम (प्रमाण के साथ)
कंटेंट क्रिएटर्स और क्रिएटर कल्चर में दिलचस्पी
नए क्रिएटर्स की जानकारी रखना
Reddit जैसे फोरम्स को अखबार की तरह पढ़ना
हिंदी और अंग्रेजी दोनों में पकड़
Excel का बेसिक ज्ञान
उन्होंने कहा कि जो लोग आवेदन करना चाहते हैं, वे अपनी एप्लीकेशन का टाइटल “Doomscroller” लिखें।
सोशल मीडिया और नया करियर
आज सोशल मीडिया सिर्फ मनोरंजन नहीं बल्कि एक बड़ी इंडस्ट्री बन चुका है। कंटेंट क्रिएटर्स और डिजिटल एजेंसियां अरबों का कारोबार कर रही हैं। ऐसे में, जो लोग लगातार स्क्रॉल करते रहते हैं, वे हमेशा ट्रेंडिंग खबरों, वायरल कंटेंट और क्रिएटर मूवमेंट्स से अपडेट रहते हैं। कंपनियों के लिए ये लोग बेहद उपयोगी साबित हो सकते हैं।
आदत या अवसर?
विशेषज्ञ मानते हैं कि डूमस्क्रोलिंग मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, लेकिन अगर इसे सही दिशा और समय सीमा में रखा जाए तो यह करियर का रास्ता भी बन सकती है। डिजिटल मार्केटिंग एजेंसियों को ऐसे लोगों की ज़रूरत होती है, जो नए ट्रेंड्स, मीम्स और दर्शकों के मूड को जल्दी पकड़ सकें।
स्वास्थ्य का ध्यान भी ज़रूरी
हालांकि, रोज़ाना 6-8 घंटे स्क्रॉलिंग करने के नुकसान भी हैं:
नींद खराब होना
आंखों की थकान और सिरदर्द
चिंता और तनाव
सामाजिक जीवन पर असर
इसलिए, अगर इसे पेशेवर जिम्मेदारी बनाया भी जाए, तो मानसिक स्वास्थ्य और समय प्रबंधन पर ध्यान देना जरूरी है।
लोगों की प्रतिक्रियाएं
इस जॉब पोस्ट पर सोशल मीडिया यूजर्स ने मजाकिया अंदाज में कहा
“अब पापा को बता सकता हूं कि मोबाइल चलाना भी नौकरी है।”
“मेरा स्क्रीन टाइम 10 घंटे है, क्या मैं तुरंत अप्लाई करूं?”
कुछ लोगों ने चिंता जताई कि यह ट्रेंड युवा पीढ़ी के लिए मानसिक स्वास्थ्य का खतरा भी बन सकता है।
Monk Entertainment का यह कदम दिखाता है कि डिजिटल दुनिया में हर आदत एक करियर विकल्प बन सकती है। डूमस्क्रोलिंग अब सिर्फ समय की बर्बादी नहीं, बल्कि एक नई नौकरी का नाम है।