Trump के 50% टैरिफ से सहमा बाजार: शेयर मार्केट में भारी गिरावट Sensex-Nifty बिखरे, ये 10 शेयर धड़ाम

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की अधिसूचना जारी होने के बाद भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली। यह नया टैरिफ आज, 27 अगस्त से प्रभावी हो गया है।

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Trump Tariff News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की अधिसूचना जारी होने के बाद भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार को भारी गिरावट देखने को मिली।1 यह नया टैरिफ आज, 27 अगस्त से प्रभावी हो गया है, जिससे भारत पर कुल टैरिफ बढ़कर 50% हो गया है।2 अमेरिका ने यह कदम रूस से तेल खरीदने के भारत के फैसले के जवाब में उठाया है।3 इस खबर के कारण, निवेशकों में चिंता का माहौल है और बाजार खुलते ही सेंसेक्स और निफ्टी बुरी तरह से धड़ाम हो गए। बीएसई सेंसेक्स 629 अंकों से ज्यादा फिसल गया, जबकि एनएसई निफ्टी 200 अंकों से ज्यादा टूट गया, जो इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ रहा है।

बाजार में आई सुनामी

मंगलवार को कारोबार की शुरुआत ही नकारात्मक रही। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स इंडेक्स 81,377.39 पर खुला, जो इसके पिछले बंद 81,635.91 की तुलना में काफी नीचे था। इसके बाद, गिरावट और भी बढ़ गई और कुछ ही समय में सेंसेक्स 630 अंकों से ज्यादा गिरकर 80,947 पर कारोबार करने लगा। इसी तरह, एनएसई का निफ्टी इंडेक्स भी अपने पिछले बंद 24,967.75 के मुकाबले टूटकर 24,899.50 पर खुला और जल्द ही 200 अंक से ज्यादा फिसलकर 24,763 के स्तर पर कारोबार करता हुआ नजर आया।

इन शेयरों पर टूटा कहर

Trump Tariff से सहमे बाजार में कई दिग्गज कंपनियों के शेयर भी बुरी तरह से प्रभावित हुए। बड़े शेयरों की बात करें तो सनफार्मा, अडानी पोर्ट्स, टाटा स्टील, और टाटा मोटर्स के शेयरों में क्रमश: 2.56%, 1.80%, 1.60% और 1.10% की गिरावट देखी गई। मिडकैप सेगमेंट में पीईएल (2.82%), एमक्योर (2.65%), भारत फोर्ज (2.54%), और माझगाँव डॉक (2.48%) में भी तेज गिरावट आई। स्मॉलकैप में किटैक्स (4.99%) और प्रवेग (4.80%) सबसे ज्यादा फिसले।

टैरिफ से क्या होगा असर?

विश्लेषकों के अनुसार, इस Trump Tariff वृद्धि से भारत के निर्यात पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, खासकर उन क्षेत्रों पर जो अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं, जैसे कि आईटी, कपड़ा, ऑटो और फार्मा सेक्टर। हालांकि, रेटिंग एजेंसी फिच का मानना है कि इस कदम का भारत की जीडीपी पर बहुत मामूली असर होगा, क्योंकि भारत की आर्थिक वृद्धि मजबूत है और बाहरी निवेश भी अच्छा है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी अमेरिका के इस कदम को अनुचित बताते हुए कहा है कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देता रहेगा।

सरकार की प्रतिक्रिया और भविष्य की रणनीति

भारत सरकार ने इस Trump Tariff स्थिति पर गंभीरता से ध्यान दिया है और निर्यातकों को राहत देने के लिए एक उच्च-स्तरीय बैठक भी बुलाई गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह संकट भारत को नए व्यापारिक साझेदार खोजने और अपनी आपूर्ति श्रृंखला को विविध बनाने के लिए मजबूर करेगा, जो लंबे समय में एक अवसर भी साबित हो सकता है। यह देखना बाकी है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध किस दिशा में आगे बढ़ते हैं और क्या दोनों देश इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कोई रास्ता खोज पाते हैं।

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