Tesla India : इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र की प्रमुख अमेरिकी कंपनी टेस्ला, भारतीय बाजार में टॉप-डाउन दृष्टिकोण के साथ प्रवेश करने की तैयारी कर रही है। कंपनी की योजना पहले अपने महंगे मॉडलों को लॉन्च करने की है, जिसके बाद सस्ते मॉडल की पेशकश की जाएगी। आने वाले कुछ महीनों में, टेस्ला की इलेक्ट्रिक कारों की पहली खेप मुंबई के निकट स्थित बंदरगाह पर पहुंचने की संभावना है। इन कारों की बिक्री इस वर्ष की तीसरी तिमाही में भारत के प्रमुख शहरों जैसे मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु में शुरू हो सकती है।
क्या भारत में टेस्ला की कारें निर्मित होंगी?
भारत में टेस्ला की कारों की मैन्युफैक्चरिंग की संभावना पर कई सवाल उठते हैं। पहला प्रश्न यह है कि क्या कंपनी यहां अपनी कारों का निर्माण करेगी? इसके अलावा, यह भी जानना महत्वपूर्ण है कि टेस्ला भारत में किन मॉडल्स को लॉन्च करेगी और ये कारें अमेरिका, चीन या जर्मनी में स्थित किस फैक्ट्री से सप्लाई की जाएंगी।
ये सभी बातें इस बात पर निर्भर करती हैं कि भारत टेस्ला पर कितनी छूट देने का निर्णय लेता है। वर्तमान में, भारत में मैन्युफैक्चरिंग के लिए किसी भी कार निर्माता पर लागू होने वाला टैरिफ काफी कम है। हालांकि, अभी तक टेस्ला द्वारा भारत में उत्पादन शुरू करने के कोई संकेत नहीं मिले हैं। फिलहाल, टेस्ला की सभी कारों का आयात किया जाने की उम्मीद है।
कस्टम ड्यूटी की वर्तमान स्थिति
भारत में आयातित इलेक्ट्रिक वाहनों पर लागू कस्टम ड्यूटी में हाल ही में बदलाव हुआ है। पहले, 40 हजार डॉलर (लगभग 35 लाख रुपये) से महंगी गाड़ियों पर 110% बेसिक कस्टम ड्यूटी लगती थी, जिसे अब घटाकर 70% कर दिया गया है। इसके अलावा, यदि कोई कंपनी सरकार के साथ एमओयू करती है, तो 35 हजार डॉलर (लगभग 30 लाख रुपये) से महंगी गाड़ियों पर महज 15% कस्टम ड्यूटी लगेगी, बशर्ते कि कंपनी हर साल 8,000 से कम इलेक्ट्रिक वाहनों का आयात करे। इस प्रकार, टेस्ला की भारत में संभावित एंट्री और इसकी योजनाओं का संक्षेप में विश्लेषण करते हुए, यह स्पष्ट होता है कि कंपनी अपने महंगे मॉडलों के साथ शुरुआत करेगी और भविष्य में भारतीय बाजार के लिए विभिन्न रणनीतियों पर विचार कर सकती है।
यह भी पढ़ें : यूपी में होमगार्ड के 44,972 पद खाली, मंत्री ने विधानसभा में भर्ती प्रक्रिया पर दिया बड़ा अपडेट
भारत को टेस्ला से क्या होगा फायदा ?
भारत सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास को बढ़ावा दे रही है, और टेस्ला का भारतीय बाजार में प्रवेश इस क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने की संभावना रखता है। टेस्ला का आगमन देश में उन्नत तकनीक एवं विदेशी निवेश को आकर्षित कर सकता है। अगर टेस्ला भारत में अपना उत्पादन संयंत्र स्थापित करती है, तो इससे हजारों लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है, और इससे ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी मजबूती मिलेगी। इसके अलावा, टेस्ला जैसी कंपनियां भारत को 2070 तक नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता कर सकती हैं।