MSME Outrage Camp: यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया ने हाल ही में गाजियाबाद और नोएडा रेंज में मेगा एमएसएमई आउटरेज कैंप का आयोजन किया गया । इस कैंप का (एमएसएमई) को सशक्त बनाना था जो अपने व्यापार को बढ़ाने या नई शुरुआत करने के लिए ऋण और वित्तीय सहायता की तलाश में हैं।
इस मौके पर 50 से ज्यादा एमएसएमई से जुड़े व्यक्तियों को उनके लोन के सैंक्शन लेटर प्रदान किए गए। इन लेटर्स के माध्यम से एमएसएमई उद्यमियों को व्यापार में नई संभावनाओं के लिए वित्तीय मदद मिलेगी , जिससे उनका आत्मविश्वास और व्यापार के प्रति दृष्टिकोण और मजबूत होगा.
वित्तीय सहायता से मजबूत होंगे उद्योग
यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया के मेगा आउटरेज कैंप का आयोजन एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने और उन्हें बुनियादी वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया था। बैंक ने विभिन्न योजनाओं के तहत ऋण सैंक्शन किए, जो उद्यमियों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार मदद प्रदान करेंगे. यह कदम उद्योगों को सरकारी योजनाओं के माध्यम से वित्तीय सहायता प्राप्त करने में सहायक सिद्ध होगा.
प्रमुख योजनाओं के तहत वितरित किए गए सैंक्शन लेटर
इस आयोजन में एमएसएमई से जुड़ी विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत ऋण सैंक्शन किए गए थे, जिनमें Union MSME Support, Union Nari Shakti, Union Mudra, PM Vishwakarma Scheme, Self Help Groups Scheme, PMJDY (प्रधानमंत्री जन धन योजना), और PMJJBY (प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना) जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं शामिल थीं। इन योजनाओं के तहत लोगों को सैंक्शन लैटर दिए गए, जिनकी मदद से वे अपने कारोबार को आगे बढ़ाने में सक्षम होंगे.
एमएसएमई के लिए सशक्तिकरण का अवसर
यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया का यह पहल MSME क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो रही है. यह केवल ऋण सैंक्शन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह एक ऐसे प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करता है, जो व्यापारियों को वित्तीय सहायता के साथ-साथ विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभों से भी अवगत कराता है. एमएसएमई सेक्टर की सफलता में इस प्रकार की पहलें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, क्योंकि छोटे व्यापारों के लिए हमेशा वित्तीय सहायता का संकट रहा है.
इस मौके पर दिल्ली जोन के चीफ जनरल मैनेजर संजय नारायण, जनरल मैनेजर सेंट्रल ऑफिस गिरीश जोशी, रीजन हेड राजेश कुमार सिंह, एजीएम सुशील कुमार, संदीप सैनी सुरजीत सिंह और नोएडा गाजियाबाद के ब्रांच मैनेजर शामिल रहे.