Karnataka: देश में आज भी जातिवाद के नाम पर लोग आपस में लड़ते हैं। बात सामाजिक बहिष्कार तक पहुंच जाती है। ऐसी ही एक और घटना हुई है। कर्नाटक के एक गांव में 50 दलित परिवारों का बहिष्कार कर दिया गया है। उनका हुक्का पानी बंद करने का ऐलान किया गया है। मामला ऊंची और निचली जाति के बीच विवाद का है।
पीड़ित लड़की दलित परिवार की है और आरोप ऊंची जाति के युवक पर है। यौन शोषण और दुष्कर्म की धाराओं के तहत पोक्सो एक्ट का मामला दर्ज किया गया है। इसी के चलते समाज में रहने वाले उच्च वर्ग के परिवारों ने पीड़ित लड़की के परिवार और उसके समाज के लोगों का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। वहीं, अधिकारी दोनों पक्षों के बीच विवाद को सुलझाने और बहिष्कार वापस लेने के लिए मध्यस्थता कर रहे हैं।
युवक ने लड़की को शादी का लालच देकर फंसाया
Karnataka मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामला यादगीर जिले का है। 23 वर्षीय युवक पर 15 वर्षीय नाबालिग लड़की का यौन शोषण और दुष्कर्म करने का आरोप लगा है। युवक समाज के उच्च वर्ग से ताल्लुक रखता है। नाबालिग लड़की के माता-पिता ने युवक के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई। मेडिकल जांच में लड़की के 5 महीने की गर्भवती होने की पुष्टि होने पर पुलिस ने दुष्कर्म की धाराओं में मामला दर्ज किया।
Karnataka पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार भी कर लिया, क्योंकि पीड़ित परिवार का आरोप है कि युवक ने उनकी बेटी को शादी का झांसा देकर अपने जाल में फंसाया और इसका फायदा उठाकर उसे गर्भवती कर दिया। अब वे समाज में मुंह दिखाने लायक नहीं हैं। दूसरी ओर युवक के परिवार और समाज के लोग उसकी गिरफ्तारी के बाद गुस्से में हैं। यादगीर एसपी संगीता ने कहा कि वे गांव में शांति स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।
लड़के के परिवार ने लड़की को नहीं अपनाया
एसपी संगीता ने कहा कि उन्होंने गांव के बुजुर्गों से बहिष्कार जैसी अमानवीय प्रथाओं से दूर रहने का आग्रह किया। लड़की ने अगस्त की शुरुआत में अपने माता-पिता को बताया कि वह शायद 5 महीने की गर्भवती है और उसने लड़के के बारे में भी बताया। जब लड़की के परिवार ने युवक से शादी का वादा पूरा करने के लिए कहा, तो उसके परिवार ने कथित तौर पर लड़की को अपनाने से इनकार कर दिया।
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लड़की के माता-पिता ने 12 अगस्त को POCSO एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था। यादगीर बेंगलुरु से करीब 500 किलोमीटर दूर है। शिकायत के बाद गांव के ऊंची जाति के लोगों ने लड़की के माता-पिता को बातचीत के लिए बुलाया, लेकिन वे नहीं गए। 13 अगस्त को आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इससे नाराज गांव के ऊंची जाति के नेताओं ने 250 दलितों का बहिष्कार कर दिया।