UP Bureaucracy News: यूपी में नए साल की शुरुआत बड़े प्रशासनिक फेरबदल के साथ होने जा रही है। प्रदेश सरकार ने 67 आईएएस (IAS) अधिकारियों को पदोन्नति का तोहफा दिया है, जो 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होगा। इस सूची में 2001 बैच के चार अधिकारियों को प्रमुख सचिव और 2010 बैच के 19 अधिकारियों को सचिव रैंक पर प्रमोट किया गया है। सबसे अधिक चर्चा लखीमपुर खीरी की डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल की है, जिनका प्रमोशन के बाद लखनऊ वापसी का रास्ता साफ माना जा रहा है। हालांकि, चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य के कारण वर्तमान में डीएम और एसडीएम स्तर के तबादलों पर रोक लगी है, जिससे बड़े बदलावों के लिए आयोग की अनुमति अनिवार्य होगी।
प्रमुख प्रमोशन और प्रशासनिक बदलाव
UP Bureaucracy के नियुक्ति विभाग ने प्रमोशन की आधिकारिक सूची जारी कर दी है। विभागीय प्रोन्नति समिति (DPC) की बैठक के बाद लिए गए इस निर्णय से ब्यूरोक्रेसी के ढांचे में महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे।
मुख्य पदोन्नतियां इस प्रकार हैं:
2001 बैच (प्रमुख सचिव रैंक): शशि भूषण लाल सुशील, अजय कुमार शुक्ला, अपर्णा यू और एसवीएस रंगाराव को प्रमुख सचिव बनाया गया है।
2010 बैच (सचिव रैंक): इस बैच के 19 अधिकारी अब सचिव स्तर की जिम्मेदारी संभालेंगे। इनमें दुर्गा शक्ति नागपाल, नेहा शर्मा, अखंड प्रताप सिंह और मोनिका रानी जैसे चर्चित नाम शामिल हैं।
2013 एवं 2022 बैच: 2013 बैच के 30 अधिकारियों को ‘सेलेक्शन ग्रेड’ और 2022 बैच के अधिकारियों को ‘सीनियर टाइम स्केल’ दिया गया है।
बैच | प्रमोशन का स्तर | अधिकारियों की संख्या |
2001 | प्रमुख सचिव (Principal Secretary) | 04 |
2010 | सचिव (Secretary) | 19 |
2013 | सेलेक्शन ग्रेड (Selection Grade) | 30 |
2022 | सीनियर टाइम स्केल (Senior Time Scale) | 13 |
दुर्गा शक्ति नागपाल पर टिकी निगाहें
लखीमपुर खीरी की जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल अब सचिव रैंक पर पदोन्नत हो गई हैं। नियमानुसार, सचिव रैंक के अधिकारी आमतौर पर जिलों में डीएम के पद पर नहीं रहते, बल्कि उन्हें शासन में महत्वपूर्ण विभागों या मंडलायुक्त (Commissioner) के रूप में तैनात किया जाता है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि नए साल में उन्हें लखनऊ में किसी अहम विभाग की जिम्मेदारी मिल सकती है।
तबादलों पर चुनाव आयोग का पेच
UP Bureaucracy प्रमोशन के बावजूद तत्काल बड़े पैमाने पर तबादले संभव नहीं दिख रहे हैं। उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) का कार्य चल रहा है, जो 6 मार्च 2026 तक जारी रहेगा। चुनाव आयोग के सख्त निर्देशों के अनुसार, इस प्रक्रिया में शामिल जिलाधिकारियों और चुनाव से जुड़े अधिकारियों का तबादला बिना आयोग की पूर्व अनुमति के नहीं किया जा सकता।





