Delhi Blast : राजधानी दिल्ली सोमवार शाम एक बार फिर खौफ के साए में आ गई। शाम करीब 6 बजकर 52 मिनट पर लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास जोरदार धमाका हुआ, जिसकी आवाज़ कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। घटना के तुरंत बाद इलाके में भगदड़ मच गई। पुलिस और राहत दल मौके पर पहुंचे और घायलों को नजदीकी एलएनजेपी (लोकनायक जयप्रकाश) अस्पताल में भर्ती कराया गया। अब तक 8 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हैं, जिनमें कई की हालत नाज़ुक बताई जा रही है।
गृह मंत्री अमित शाह देर रात अस्पताल पहुंचे और घायलों से मुलाकात कर उनकी हालत का जायज़ा लिया। उन्होंने दिल्ली पुलिस और एनआईए से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
धमाके की चपेट में आए लोग
पुलिस ने शुरुआती सूची जारी की है जिसमें मृत और घायल शामिल हैं। घायलों में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के लोग हैं। घायलों में शायना परवीन, हर्षुल सेठी, शिवा जायसवाल, समीर, जोगिंदर, भवानी शंकर शर्मा, गीता, विनय पाठक, पप्पू, विनोद, शिवम झा, मोहम्मद शहनवाज, अंकुश शर्मा, मोहम्मद फारुख, तिलक राज, मोहम्मद सफवान, मोहम्मद दाऊद, किशोरी लाल और आज़ाद शामिल हैं। मृतकों में फिलहाल अशोक कुमार (अमरोहा, यूपी) समेत 7 अन्य अज्ञात लोगों की पहचान की जा रही है।
चश्मदीदों ने सुनाई आंखों देखी कहानी
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, धमाका इतना शक्तिशाली था कि पास खड़ी 5 से 6 गाड़ियां पूरी तरह नष्ट हो गईं। आसपास की दुकानों और इमारतों के शीशे टूट गए। चश्मदीदों ने बताया कि धमाका एक इको वैन के पास हुआ, जिससे आग भी लग गई। पुलिस को प्रारंभिक जांच में हाई-इंटेंसिटी ब्लास्ट के संकेत मिले हैं, लेकिन अभी तक इसके कारण और जिम्मेदारों के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।
सुबह ही मिली 2900 किलो विस्फोटक सामग्री
दिल्ली धमाके से कुछ घंटे पहले ही जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में 2,900 किलो आईईडी बनाने वाला केमिकल, हथियार और गोला-बारूद बरामद किया था। यह कार्रवाई जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसर गजवात-उल-हिंद (AGuH) से जुड़े एक बड़े आतंकी नेटवर्क के खिलाफ की गई थी। अब जांच एजेंसियों के सामने सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या लाल किला ब्लास्ट का संबंध उसी बरामदगी से है? क्या दिल्ली धमाका उसी आतंकी नेटवर्क की अगली कड़ी है? फिलहाल एनआईए और दिल्ली पुलिस ने किसी आधिकारिक टिप्पणी से इनकार किया है, पर दोनों एजेंसियां हर कोण से जांच कर रही हैं।
डॉक्टरों समेत 7 संदिग्धों की गिरफ्तारी
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि इस नेटवर्क से जुड़े 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें दो डॉक्टर भी शामिल हैं —
डॉ. मुअज़मिल अहमद गनई (फरीदाबाद) और डॉ. आदिल (कुलगाम)। इनके अलावा आरिफ निसार डार उर्फ साहिल, यासिर-उल-अशरफ, मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद, मौलवी इरफान अहमद (शोपियां) और जमीर अहमद अहांगर (गंदरबल) को भी पकड़ा गया है।
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फरीदाबाद में डॉ. मुअज़मिल के किराए के मकान से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट, एके-56 राइफल, बरेटा पिस्तौल और चीनी हैंडगन बरामद की गई हैं। जांच अधिकारियों के मुताबिक यह एक “व्हाइट कॉलर टेरर नेटवर्क” है — यानी शिक्षित पेशेवर जो एनजीओ और सोशल मीडिया की आड़ में आतंकियों को तकनीकी और आर्थिक मदद पहुंचा रहे थे।
जांच एजेंसियों की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी
एनआईए, दिल्ली पुलिस और आईबी की टीमें फिलहाल मौके की फॉरेंसिक जांच कर रही हैं। आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और दिल्ली के सभी संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
सरकार ने लोगों से अफवाहों से दूर रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना पुलिस को देने की अपील की है।
