Delhi Breaking : राजेंद्र नगर के IAS कोचिंग सेंटर की बड़ी लापरवाही के चलते चली गई UPSC के तीन स्टूडेंट्स की जान

दिल्ली के राजेंद्र नगर में कोचिंग सेंटर के हादसे के बाद कोचिंग सेंटर के मालिक और कोऑर्डिनेटर को हिरासत में ले लिया गया है। इस हादसे में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने के कारण तीन छात्रों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान श्रेया यादव, तानिया सोनी, और नेविन डेल्विन के रूप में की गई है।

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Delhi Breaking : राजधानी दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर में शनिवार रात एक गंभीर हादसा हुआ। बारिश के बाद एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से आईएएस की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे ने कोचिंग सेंटरों द्वारा सुरक्षा के दावों की वास्तविकता को उजागर कर दिया है। और अब इस हादसे के बाद कई छात्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन करने के सड़कों पर उतर आए हैं।

यह पहली बार नहीं है कि दिल्ली के कोचिंग सेंटरों में छात्रों के जीवन से खिलवाड़ हुआ हो। इसके पूर्व, मुखर्जी नगर में एक कोचिंग सेंटर में आग लगने से 50 से ज्यादा छात्र घायल हो गए थे, और कुछ छात्रों को खिड़की तोड़कर तीसरी मंजिल से कूदना पड़ा था। इस बार मुखर्जी नगर की जगह ओल्ड राजिंदर नगर है और आग की जगह बारिश का पानी, लेकिन मौत उन छात्रों की हुई है जो भविष्य संवारने के लिए दिल्ली आए थे।

प्रदर्शन कर छात्रों ने लगाई न्याय की गुहार

हादसे के बाद छात्रों का गुस्सा उबाल पर है। वे रात भर से इलाके में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और अपने मृत साथियों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। छात्रों का आरोप है कि कोचिंग सेंटर बिना किसी सुरक्षा उपायों के कैसे चल रहे हैं, और सरकार इन मामलों में कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही। वे “छात्रों की हत्या बंद करो” जैसे नारों के साथ विरोध कर रहे हैं। इस घटना में दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और फिलहाल घटनास्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। लेकिन यह हादसा सरकार और कोचिंग संचालकों की सुरक्षा और प्रबंधन के प्रति गंभीर सवाल उठाता है।

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8 से 10 लोगों की मौत की आशंका 

कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने और तीन छात्रों की मौत के बाद, शनिवार रात एमसीडी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे एक छात्र ने दावा किया कि आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने उसे बताया है कि 8-10 लोग मारे गए हैं।

एएनआई से बातचीत के दौरान छात्र ने कहा, “एमसीडी का कहना है कि यह एक आपदा है, लेकिन मैं इसे पूरी तरह से लापरवाही मानता हूं। आधे घंटे की बारिश में पानी घुटनों तक भर जाता है। आपदा कभी-कभी होती है। मेरे मकान मालिक ने बताया कि वह पिछले 10-12 दिनों से पार्षद से कह रहा था कि नाले की सफाई की जानी चाहिए। हमारी पहली मांग यह है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और तत्काल मांग है कि घायलों और मृतकों की वास्तविक संख्या बताई जाए। आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने मुझे बताया कि 8-10 लोग मारे गए हैं।”

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