Justice Yashwant Verma: कोठी में अधजली नोटों की बोरियां.. जस्टिस वर्मा मामले में सुप्रीम कोर्ट की रिपोर्ट का खुलासा

दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के घर में आग लगने के बाद स्टोर रूम से 4-5 बोरियों में अधजले नोट बरामद हुए। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गहरी जांच के आदेश दिए हैं। जस्टिस वर्मा ने आरोपों को खारिज किया है।

Justice Yashwant Verma

Justice Yashwant Verma News: दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के घर में मिली अधजली नोटों की बोरियों ने तहलका मचा दिया है। होली की रात आग लगने के बाद जब फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची, तो चार से पांच बोरियों में पांच-पांच सौ रुपये के अधजले नोट मिले। इस मामले की शुरुआती जांच दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय ने की और रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी। रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिससे पूरे मामले में गहरी जांच की आवश्यकता बताई गई है।

अधजली नोटों की बोरियां-आग के बाद का सच

14 मार्च की रात Justice Yashwant Verma के घर पर लगी आग बुझाने के दौरान फायर ब्रिगेड कर्मियों ने स्टोर रूम में अधजली नोटों की बोरियां देखी। वीडियो में साफ दिख रहा है कि कमरे में चारों तरफ अधजले नोट बिखरे हुए थे और कुछ नोटों से धुंआ उठ रहा था। दिल्ली पुलिस ने इस वीडियो को जांच रिपोर्ट के साथ सुप्रीम कोर्ट में पेश किया है।

दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय ने अपनी जांच में पाया कि आग बुझाने के दौरान स्टोर रूम से जली हुई चीजों को हटा दिया गया था। रिपोर्ट में बताया गया कि उस कमरे में केवल घर के सदस्यों, नौकरों और मालियों का ही आना-जाना था। किसी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश की संभावना नगण्य है। रिपोर्ट में कहा गया कि मामले की गहरी जांच आवश्यक है।

सुप्रीम कोर्ट की सख्ती और सीजेआई का आदेश

Justice Yashwant Verma के घर में अधजली नोटों की बरामदगी के बाद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय को मामले की प्रारंभिक जांच का आदेश दिया। डीके उपाध्याय ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 15 मार्च को दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने फोन कर आग की जानकारी दी थी। हालांकि, फोन पर क्या बातचीत हुई, यह सार्वजनिक नहीं किया गया।

रिपोर्ट में कहा गया कि आग बुझाने के बाद जस्टिस वर्मा के घर से अधजली बोरियां बरामद हुईं, जिनमें नकदी भरी थी। पुलिस कमिश्नर ने वीडियो और तस्वीरें साझा कीं, जिनमें साफ दिखता है कि कमरे में नोट जलते हुए पाए गए।

“नकदी से मेरा कोई लेना-देना नहीं”

Justice Yashwant Verma ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि स्टोर रूम उनके मुख्य आवास से अलग है और कई लोग वहां आते-जाते रहते हैं। उनका कहना है कि आग लगने के समय वे और उनकी पत्नी मध्य प्रदेश में थे और घर पर केवल उनकी बेटी और वृद्ध मां थीं।

उन्होंने बताया कि आग लगने के बाद उनकी बेटी और निजी सचिव ने फायर ब्रिगेड को बुलाया था। आग बुझाने के दौरान सभी को घटनास्थल से दूर कर दिया गया था और बाद में किसी ने नकदी नहीं देखी। Justice Yashwant Verma ने कहा कि स्टोर रूम में नकदी रखने का विचार ही बेतुका है और यह आरोप पूरी तरह से झूठा और दुर्भावनापूर्ण है।

आगे की कार्रवाई और न्यायिक जिम्मेदारी

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की गहराई से जांच के लिए एक समिति गठित की है। इसके अलावा, जस्टिस वर्मा के पिछले छह महीनों के कॉल रिकॉर्ड भी मांगे गए हैं। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने आदेश दिया है कि जांच पूरी होने तक जस्टिस वर्मा को किसी भी न्यायिक जिम्मेदारी से दूर रखा जाए।

यह मामला न सिर्फ न्यायिक प्रणाली पर सवाल उठाता है, बल्कि देश की कानून व्यवस्था और प्रशासनिक प्रणाली पर भी गहरे सवाल खड़े करता है। अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट की समिति और दिल्ली पुलिस की जांच में क्या नया खुलासा होता है।

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