Delhi Spy Network Exposed: पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाला गिरोह पकड़ा गया,जानकारी लीक करने के शक में दो भाई गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक बड़े जासूसी गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस केस में दो भाइयों को पकड़ा गया है, जिन पर पाकिस्तान को गोपनीय जानकारी देने और नकली पासपोर्ट बनवाने के आरोप लगे हैं।

Delhi Spy Network Exposed: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हाल ही में एक बड़े जासूसी नेटवर्क का खुलासा किया है। पुलिस ने इस मामले में आदिल नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो कथित तौर पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लिए काम कर रहा था। जांच में सामने आया कि आदिल नकली पासपोर्ट बनाने वाले एक रैकेट से भी जुड़ा हुआ था।

पुलिस के मुताबिक, आदिल कई सालों से दिल्ली में रह रहा था और उसके पास से कई फर्जी पासपोर्ट बरामद किए गए हैं। इतना ही नहीं, वह पाकिस्तान और अन्य देशों की यात्रा भी कई बार कर चुका है।

भाई अख्तर हुसैन भी गिरोह का हिस्सा

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आदिल का भाई अख्तर हुसैन भी इसी नेटवर्क का हिस्सा है। मुंबई पुलिस ने उसे पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। अख्तर खुद को भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (BARC) का वैज्ञानिक बताकर लोगों को बेवकूफ बना रहा था। उसकी गिरफ्तारी के दौरान पुलिस को उसके पास से नकली पहचान पत्र, गोपनीय दस्तावेज, नक्शे और कई संवेदनशील कागजात मिले।

जांच में यह भी सामने आया कि अख्तर हुसैन के पास जो आईडी कार्ड मिला, वह बिल्कुल असली जैसा दिखता था। उस पर नाम “अली रजा हुसैनी” लिखा था, लेकिन फोटो अख्तर की थी।

परमाणु जानकारी लीक करने का शक

सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि दोनों भाई भारत की परमाणु ऊर्जा से जुड़ी गोपनीय जानकारियां दुश्मन देशों तक पहुंचा रहे थे। अब जांच एजेंसियां यह पता लगाने में लगी हैं कि विदेशों में इनके संपर्क कौन-कौन से लोगों से थे और उन्होंने कितनी अहम जानकारी बाहर भेजी है।

पुलिस ने बताया कि अख्तर हुसैन उर्फ कुतुबुद्दीन अहमद (60) ने पिछले बीस सालों में अपनी पहचान पूरी तरह बदल ली थी। उसने “एलेक्जेंडर पाल्मर” नाम से एक नई पहचान बनाई थी। इसी नाम पर उसने जाली डॉक्यूमेंट और तीन भारतीय पासपोर्ट बनवाए थे। उसके घर की तलाशी के दौरान 14 नक्शे, फर्जी डिग्रियां, मार्कशीटें और कई कंपनियों के नकली आईडी कार्ड मिले हैं।

हाई-प्रोफाइल जासूसी रैकेट

मुंबई क्राइम ब्रांच ने NIA और IB की मदद से अख्तर को गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया कि वह “पाल्मर” नाम से विदेश भी गया था। पुलिस का कहना है कि यह कोई साधारण धोखाधड़ी नहीं, बल्कि एक हाई-प्रोफाइल जासूसी रैकेट है, जिसके तार विदेशी न्यूक्लियर एजेंसियों से जुड़े हो सकते हैं।

फिलहाल दिल्ली और मुंबई पुलिस की टीमें मिलकर इस नेटवर्क के बाकी सदस्यों की तलाश कर रही हैं। ऐसा माना जा रहा है कि दोनों भाइयों ने कई लोगों को नकली पासपोर्ट दिलवाए हैं। कुछ और संदिग्ध अब भी फरार हैं, जिनकी खोज में पुलिस जुटी है।

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