• About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact
Friday, August 15, 2025
news 1 india
  • Login
  • Home
  • News
    • Politics
    • Business
    • World
    • Science
  • Entertainment
    • Gaming
    • Music
    • Movie
    • Sports
  • Tech
    • Apps
    • Gear
    • Mobile
    • Startup
  • Lifestyle
    • Food
    • Fashion
    • Health
    • Travel
No Result
View All Result
news 1 india
No Result
View All Result
Home Breaking

महिला की लज्जा भंग के मामले में आरोपी बरी, दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- सिर्फ गाली देना अपराध नहीं

दिल्ली हाईकोर्ट ने महिला की लज्जा भंग के मामले में आरोपी को बरी करने वाले निचली अदालत के फैसले में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया। कोर्ट ने यह भी माना कि आरोपी ने गंदी भाषा का इस्तेमाल किया और कुछ आपत्तिजनक इशारे भी किए थे।

by Gulshan
June 25, 2025
in Breaking, दिल्ली
0
Delhi High Court
491
SHARES
1.4k
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

Related posts

Independence Day

Independence Day 2025 Live: 75वें स्वतंत्रता दिवस पर मोदी मैजिक! जीएसटी राहत + रोजगार बूम… देश को मिले दो ‘मेड इन इंडिया’ गिफ्ट!

August 15, 2025
 बोलीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, सेना ने सीमापार आतंकी ठिकाने किए तबाह, इतिहास में मिसाल के तौर पर दर्ज होगा ऑपरेशन सिंदूर

 बोलीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, सेना ने सीमापार आतंकी ठिकाने किए तबाह, इतिहास में मिसाल के तौर पर दर्ज होगा ऑपरेशन सिंदूर

August 14, 2025

Delhi High Court : दिल्ली हाईकोर्ट ने महिला की लज्जा भंग के आरोप में बरी किए गए व्यक्ति के खिलाफ निचली अदालत के फैसले में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया है। जस्टिस अमित महाजन की पीठ ने दिल्ली सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सितंबर 2017 में दिए गए निचली अदालत के निर्णय को चुनौती दी गई थी।

निचली अदालत ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 509 के तहत दोषमुक्त किया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि केवल अपशब्दों का प्रयोग या अनुचित इशारों को, जब तक वे विशेष और स्पष्ट रूप में साबित न हों, धारा 509 के तहत अपराध नहीं माना जा सकता।

जस्टिस महाजन ने कही ये बात 

जस्टिस महाजन ने कहा कि मामले में आरोपी ने गंदे शब्दों के साथ कुछ अशोभनीय इशारे जरूर किए, लेकिन ये आरोप सामान्य स्वरूप के हैं। न तो कोई विशेष शब्दों का उल्लेख है, न ही इशारों का स्पष्ट विवरण, जिससे आरोपी की मंशा महिला की लज्जा भंग करने की साबित हो सके।

यह भी पढ़ें : दिल्ली की फैक्ट्री में भीषण आग: 4 की मौत, बचाव कार्य जारी…

कोर्ट ने 2025 में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि यदि अपशब्दों का प्रयोग बिना ठोस और स्पष्ट कारण के किया गया हो, तो उसे धारा 509 के तहत अपराध नहीं माना जाएगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपों को संदेह से परे साबित करने में असफल रहा है। इसलिए निचली अदालत का आरोपी को बरी करने वाला फैसला न्यायसंगत है और उसमें कोई दखल देने की आवश्यकता नहीं है।

Tags: Delhi High Court
Share196Tweet123Share49
Previous Post

सोना गिरा ₹1 लाख के नीचे, चांदी भी सस्ती! देखें 25 जून 2025 को आपके शहर में ताज़ा रेट

Next Post

Mobile privacy tips : किसने दी चेतावनी कॉल के दौरान इंटरनेट चालू न रखें ,क्याआपकी बातचीत हो रही रिकॉर्ड

Gulshan

Gulshan

Next Post
Why you should turn off internet during phone calls

Mobile privacy tips : किसने दी चेतावनी कॉल के दौरान इंटरनेट चालू न रखें ,क्याआपकी बातचीत हो रही रिकॉर्ड

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

news 1 india

Copyright © 2017 JNews.

Navigate Site

  • About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact

Follow Us

No Result
View All Result
  • Home
  • News
    • Politics
    • Business
    • World
    • Science
  • Entertainment
    • Gaming
    • Music
    • Movie
    • Sports
  • Tech
    • Apps
    • Gear
    • Mobile
    • Startup
  • Lifestyle
    • Food
    • Fashion
    • Health
    • Travel

Copyright © 2017 JNews.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

Go to mobile version