New Delhi News: एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) में एक बड़ा वित्तीय घोटाला सामने आया है। इस मामले ने पूरे विभाग को हिला कर रख दिया है। आरोप है कि सीनियर मैनेजर राहुल विजय ने आंकड़ों के साथ हेराफेरी कर सरकारी खजाने से 232 करोड़ रुपये अपने निजी खातों में डाल लिए।
जीरो जोड़कर बना करोड़ों का मालिक
CBI की जांच में सामने आया है कि आरोपी ने रिकॉर्ड्स के साथ छेड़छाड़ की। इलेक्ट्रॉनिक डेटा में डुप्लीकेट एंट्रियां डाली गईं और एसेट्स की कीमत बढ़ाकर दिखाने के लिए एंट्रियों में जीरो जोड़ दिए गए। इसी खेल से सरकारी फंड्स धीरे-धीरे आरोपी के निजी बैंक खातों में पहुंचते रहे। बताया जा रहा है कि यह गड़बड़ी साल 2019-20 से लेकर 2022-23 के बीच की गई थी।
सीबीआई की छापेमारी और सबूत बरामद
सीबीआई ने जब इस मामले की जांच शुरू की, तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। जांच एजेंसी ने 28 अगस्त को राहुल विजय के जयपुर स्थित घर और दफ्तर पर छापा मारा। यहां से कई महंगे कागजात, प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेज और फर्जी खातों से जुड़ी जानकारी बरामद हुई। यही नहीं, घोटाले की रकम को आरोपी ने अलग-अलग ट्रेडिंग अकाउंट्स में डालकर आगे घुमा दिया था, ताकि असली रकम का पता लगाना मुश्किल हो जाए।
शिकायत पर दर्ज हुआ मामला
इस पूरे मामले की शुरुआत एयरपोर्ट अथॉरिटी के ही सीनियर फाइनेंस मैनेजर चंद्रकांत पी की शिकायत से हुई। उन्होंने राहुल विजय पर वित्तीय गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके आधार पर सीबीआई ने 26 अगस्त को दिल्ली स्थित अपनी शाखा में मामला दर्ज किया और जांच शुरू की।
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ जारी
सीबीआई ने आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। अब तक की जांच में यह साफ हो गया है कि आरोपी ने योजनाबद्ध तरीके से सरकारी फंड्स को निजी खातों में ट्रांसफर किया और उन्हें आगे भी घुमाया। एजेंसी को शक है कि इस मामले में और भी लोग शामिल हो सकते हैं। जांच के बाद यह साफ होगा कि आखिर इतने लंबे समय तक यह घोटाला कैसे चलता रहा और इसकी जानकारी बाकी अधिकारियों को क्यों नहीं हो पाई।
विभाग में मचा हड़कंप
इस खुलासे के बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अंदर हड़कंप मच गया है। विभागीय अधिकारी अब यह समझने में जुटे हैं कि सिस्टम में ऐसी खामी कैसे रह गई, जिससे इतने बड़े स्तर पर सरकारी पैसों की हेराफेरी हो गई।