Delhi Election 2025 : दिल्ली विधानसभा चुनाव की शुरुआत हो चुकी है और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल की नजर तीसरी बार जीत पर है। वह इन दिनों चुनावी सभाओं में व्यस्त हैं, लेकिन इसी बीच एक ऐसी खबर आई है जो उनकी चिंता बढ़ा सकती है। दिल्ली शराब घोटाले से जुड़ा मनी लॉन्ड्रिंग का मामला फिर सामने आया है। गृह मंत्रालय ने ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) को अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। यह खबर उस समय आई है, जब दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान होना है और नतीजे 8 फरवरी को घोषित होंगे।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, एमएचए ने ईडी को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत यह अनुमति दी है। दिल्ली की विशेष पीएमएलए अदालत ने पहले अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आरोप तय करने पर रोक लगा दी थी। दरअसल, केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था और कहा था कि पीएमएलए के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी के बिना ही ट्रायल कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लिया था।
ED को मिली किस बात की मंजूरी ?
सीबीआई के बाद अब ईडी को भी मंजूरी मिल गई है। दिल्ली शराब घोटाले में सीबीआई ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। सीबीआई को पिछले साल अगस्त में इस मामले में जरूरी मंजूरी मिल चुकी थी, लेकिन ईडी को अब तक अनुमति नहीं मिली थी। अब गृह मंत्रालय ने ईडी को कार्रवाई करने की अनुमति दे दी है। इस घोटाले में अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) पर ‘साउथ ग्रुप’ से रिश्वत लेने का आरोप है, जो दिल्ली में शराब की बिक्री और वितरण पर नियंत्रण रखता था। आरोप है कि इस ग्रुप को दिल्ली सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति से फायदा हुआ।
अरविंद केजरीवाल ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी शिकायत की थी। सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर में दिए अपने आदेश में यह कहा था कि ईडी को पीएमएलए के तहत मुकदमा चलाने के लिए विशेष मंजूरी की आवश्यकता है। केजरीवाल ने इस आदेश का हवाला देते हुए हाईकोर्ट में यह दलील दी थी कि सीबीआई को मिली मंजूरी, ईडी को उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त नहीं है। उन्होंने यह भी कहा था कि एजेंसी को पीएमएलए के तहत कार्रवाई करने के लिए अलग से मंजूरी लेनी होगी, जिसके बाद ईडी ने गृह मंत्रालय से अनुमति मांग।
सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर में दिया था आदेश
सुप्रीम कोर्ट के नवंबर के आदेश में यह कहा गया था कि ईडी को पीएमएलए के तहत आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए संबंधित सक्षम प्राधिकारी से विशेष मंजूरी प्राप्त करनी चाहिए। इसके बाद, पीएमएलए के तहत आरोपित अन्य व्यक्तियों ने भी चार्जशीट रद्द करने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को निर्देश देते हुए कहा था कि वह सीआरपीसी की धारा 197 (1) के तहत संबंधित प्राधिकारी से अनुमति प्राप्त करें। खबरों के अनुसार, ईडी अब इस आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने की योजना बना रही है, जिसके बाद आरोपियों की ओर से चार्जशीट रद्द करने के लिए कई याचिकाएं दायर की गई हैं।