आरक्षण को लेकर छत्तीसगढ़ और केंद्र सरकार के बीच खींचतानी लगातार बढ़ती ही जा रही है। जिसके चलते छत्तीसगढ़ में आदिवासी आरक्षण एक बड़ा मुद्दा बन गया है। दिल्ली में आज यानी 25 नवंबर को चल रही पूर्व बैठक में एक बार फिर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एनपीएस की राशि की वापसी, जीएसटी क्षतिपूर्ति की भरपाई, कोल रॉयल्टी की राशि की मांग की है। इस दौरान बैठक में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के साथ अन्य राज्यों के वित्तमंत्री भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आम बजट 2023-24 का प्रस्ताव एवं सुझाव भी दिया।
सुरक्षित भविष्य के लिए हमने पुरानी पेंशन योजना लागू की– बघेल
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि राज्य शासन के कर्मचारियों एवं उनके परिवार के सुरक्षित भविष्य के लिए हमने पुरानी पेंशन योजना लागू की है। एनएसडीएल के पास 31 मार्च तक जमा 17240 करोड़ की राशि वापस की जाये ताकि कर्मचारियों के सामान्य भविष्य निधि में डाली जा सके। मुख्यमंत्री ने जीएसटी राशि की मांग करते हुये कहा हमने आगामी पाँच वर्षों के लिए इसे जारी रखने का अनुरोध किया था, लेकिन इसमें वृद्धि नहीं की गयी। इसके साथ ही उन्होंने कोल रॉयल्टी की 4140 करोड़ की राशि राज्य को जल्द ट्रांसफर करने का आग्रह किया।
भारत रक्षित वाहिनियों पर 313 करोड़ जल्द देने का आग्रह किया
उन्होने राज्य में तैनात 4 विशेष एवं भारत रक्षित वाहिनियों पर राज्य सरकार द्वारा किए व्यय 313 करोड़ जल्द देने का आग्रह किया। जिसके चलते उन्होंने केंद्र से आग्रह किया कि मिलेट्स फसलों को बढ़ावा देने के लिए कोदो एवं कुटकी फसल का मूल्य घोषित किया जाये। साथ ही बैठक में मुख्यमंत्री ने सी-मार्ट की तर्ज पर विपणन केन्द्रों की स्थापना की मांग की।
सरकार ने 1लाख करोड़ पूंजी अनुदान योजना निकाली– देवेंद्र फडणवीस
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया की भारत सरकार ने 1लाख करोड़ की पूंजी अनुदान योजना निकाली है। जिसमें सरकार 50 साल के लिए ब्याज मुक्त लोन दे रहे हैं। इसमें हमें 6,800 करोड़ मिले। हमने 5,900 करोड़ का प्रस्ताव दिया है और उम्मीद है कि वो भी हमें मिलेगा।
छत्तीसगढ़ आदिवासी कुनबा सरकार से बेहद नाराज
जीएसटी राशि को लेकर छत्तीसगढ़ आदिवासी कुनबा सरकार से बेहद नाराज है। आदिवासी समाज का कहना है, आने वाले समय में दोनों पार्टियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। आपको बता दें, भानूप्रतापपुर चुनाव कांग्रेस के लिए लोहे के चने चबाने जैसा हो गया है। आदिवासी वर्ग को खुश करने के लिए भूपेश सरकार आनन-फानन में आरक्षण को लेकर संशोधन विधेयक को पेश करके आदिवासी वर्ग को खुश करने में लगे हुए है।