Delhi Air Pollution Crisis: हर साल सर्दी आते ही दिल्ली की हवा जहरीली हो जाती है। आसमान धुंध की मोटी चादर से ढक जाता है, सांस लेना मुश्किल हो जाता है, आंखों में जलन होने लगती है और बच्चों के स्कूल तक बंद करने पड़ते हैं। सड़क पर निकलना जोखिम भरा हो जाता है। नेता एक-दूसरे पर आरोप लगाते हैं, अदालतें सख्त आदेश देती हैं और टीवी चैनलों पर हालात को लेकर हंगामा मचता है। फिर जैसे ही मौसम बदलता है, यह संकट लोगों की यादों से गायब हो जाता है, लेकिन अगली सर्दी में वही हालात फिर लौट आते हैं।
दिल्ली और पूरे एनसीआर में बढ़ता प्रदूषण अक्सर मौसमी समस्या बताकर टाल दिया जाता है, लेकिन हकीकत इससे कहीं ज्यादा गंभीर है। यह कोई अचानक आई परेशानी नहीं, बल्कि सालों से चली आ रही नाकाम नीतियों, कमजोर प्लानिंग, खराब पर्यावरण प्रबंधन और नागरिक लापरवाही का नतीजा है। स्मॉग दरअसल एक गहरी और पुरानी बीमारी का आखिरी रूप है।
सरकार के बड़े फैसले, पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर जोर
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं। मंगलवार को दिल्ली कैबिनेट की बैठक के बाद पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत किया जाएगा और प्रदूषण पर नियंत्रण के नियम और सख्त होंगे। एक बड़े फैसले के तहत अब राजधानी में सभी बसों का संचालन दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (DTC) करेगा। पहले 50 प्रतिशत बसें DIMTS के तहत चलती थीं, लेकिन अब यह जिम्मेदारी खत्म कर दी गई है। सरकार को उम्मीद है कि इससे बस रूट बेहतर होंगे और यात्रियों को ज्यादा सुविधा मिलेगी।
ई-कचरा प्लांट और जल निकायों की बहाली
कैबिनेट ने होलांबी कलां में ई-कचरा रीसाइक्लिंग प्लांट लगाने को मंजूरी दी है। यह प्लांट करीब 11.5 एकड़ में फैला होगा और बिना पानी की बर्बादी के काम करेगा। इससे इलेक्ट्रॉनिक कचरे से होने वाले प्रदूषण पर लगाम लगेगी। इसके अलावा दिल्ली के तालाबों और जल स्रोतों को फिर से जीवित करने की योजना को भी मंजूरी मिली है। राजधानी में एक हजार से ज्यादा जल निकाय हैं। पहले चरण में 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और जरूरत पड़ने पर और फंड भी दिया जाएगा।
बिना PUCC नहीं मिलेगा पेट्रोल
प्रदूषण पर सख्ती दिखाते हुए सरकार ने तय किया है कि GRAP हटने के बाद भी बिना वैध प्रदूषण प्रमाण पत्र (PUCC) के किसी वाहन को पेट्रोल नहीं मिलेगा। PUCC केंद्रों की जांच शुरू हो चुकी है और अब तक 12 केंद्रों को गड़बड़ी के चलते निलंबित किया जा चुका है। साथ ही चार ऑटोमैटिक वाहन टेस्टिंग सेंटर बनाने और ऊंची इमारतों पर एंटी-स्मॉग गन लगाने की अनुमति भी दी गई है।
800 से ज्यादा प्रदूषणकारी उद्योग बंद
औद्योगिक प्रदूषण के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 800 से ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाली इंडस्ट्री को बंद करने के आदेश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने साफ कहा है कि प्रदूषण के किसी भी स्रोत के खिलाफ सरकार की नीति जीरो टॉलरेंस की होगी।
वहीं, प्रदूषण को लेकर सियासी आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हैं।
उपराज्यपाल और आम आदमी पार्टी के बीच इस मुद्दे पर तकरार जारी है, लेकिन आम जनता की उम्मीद अब ठोस नतीजों पर टिकी है।
