क्या है एयर ट्रेन और इसका महत्व?
एयर ट्रेन एक स्वचालित परिवहन प्रणाली है जिसे खासतौर पर एयरपोर्ट के अंदर यात्रियों के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह ट्रेन बिना ड्राइवर के, पूरी तरह से ऑटोमेटेड होती है और निरंतर चलती रहती है, जिससे यात्रियों को एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक जाने में बहुत कम समय लगता है।
दिल्ली एयरपोर्ट पर एयर ट्रेन तीन मुख्य टर्मिनल – T1, T2 और T3 – को जोड़ते हुए लगभग 7.7 किमी की दूरी तय करेगी। यह ट्रेन एयरोसिटी और कार्गो सिटी से होते हुए यात्रियों को टर्मिनलों के बीच एक आरामदायक और तेज़ यात्रा का अनुभव प्रदान करेगी। वर्तमान में यात्रियों को टर्मिनलों के बीच जाने के लिए बस या कार की सहायता लेनी पड़ती है, जिससे यात्रा में अधिक समय लगता है और असुविधा होती है।
एयर ट्रेन से मिलने वाले फायदे
- समय की बचत: एयर ट्रेन की शुरूआत से यात्रियों के लिए टर्मिनलों के बीच आने-जाने में बहुत कम समय लगेगा। खासतौर पर कनेक्टिंग फ्लाइट्स के यात्रियों के लिए यह सुविधा अत्यधिक लाभकारी होगी।
- आरामदायक और सुरक्षित यात्रा: एयर ट्रेन में यात्रियों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा गया है। इसमें बैठने के लिए पर्याप्त जगह होगी, और सुरक्षा के लिहाज से भी यह अत्याधुनिक तकनीक से लैस होगी।
- पर्यावरण के लिए बेहतर: इस प्रणाली से हवाई अड्डे पर कार्बन फुटप्रिंट कम होगा क्योंकि एयर ट्रेन इलेक्ट्रिक तकनीक पर आधारित होगी, जो प्रदूषण को नियंत्रित करने में सहायक है।
- मुफ्त यात्रा: संभावनाएं जताई जा रही हैं कि एयर ट्रेन की यात्रा यात्रियों के लिए मुफ्त होगी, जिससे वे टर्मिनलों के बीच बिना अतिरिक्त खर्च के यात्रा कर सकेंगे।
- लगेज की सुविधा: यात्री एयर ट्रेन में अपना सामान भी आसानी से ले जा सकेंगे, जिससे कनेक्टिंग फ्लाइट्स के लिए समय बचाने के साथ-साथ सामान के साथ होने वाली परेशानियों से भी राहत मिलेगी।
एयर ट्रेन की वैश्विक परिप्रेक्ष्य में तुलना
दुनिया के कई प्रमुख हवाई अड्डों, जैसे कि लंदन के हीथ्रो, न्यूयॉर्क के JFK और सिंगापुर के चांगी हवाई अड्डे पर पहले से ही एयर ट्रेन जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। इन एयरपोर्ट्स पर एयर ट्रेन यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाती है और यात्रा के समय में काफी कमी लाती है। दिल्ली एयरपोर्ट पर इस प्रकार की सुविधा का आना न केवल हवाई अड्डे के इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाएगा बल्कि यात्रियों की सुविधाओं के लिहाज से भी इसे अंतर्राष्ट्रीय मानकों के करीब लाएगा।
दिल्ली एयरपोर्ट की एयर ट्रेन के बारे में और क्या जानना ज़रूरी है?
- कब शुरू होगी: एयर ट्रेन को 2027 तक शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।
- कहां से कहां तक चलेगी: एयर ट्रेन टर्मिनल 1, टर्मिनल 2, टर्मिनल 3, एयरोसिटी और कार्गो सिटी को आपस में जोड़ेगी।
- कितनी लंबी होगी: एयर ट्रेन की कुल लंबाई लगभग 7.7 किलोमीटर होगी।
- कितने स्टेशन होंगे: एयर ट्रेन में कुल 4 स्टेशन होंगे।
एयर ट्रेन से यात्रियों को क्या फायदे होंगे?
- कम समय में अधिक दूरी: एयर ट्रेन यात्रियों को कम समय में अधिक दूरी तय करने में मदद करेगी।
- सामान ले जाने में आसानी: यात्री अपने साथ सामान आसानी से ले जा सकेंगे।
- बैठने के लिए पर्याप्त जगह: एयर ट्रेन में यात्रियों के बैठने के लिए पर्याप्त जगह होगी।
- सुरक्षित यात्रा: एयर ट्रेन में यात्रा करना बहुत सुरक्षित होगा।
- आरामदायक यात्रा: एयर ट्रेन में यात्रा करना बहुत आरामदायक होगा।
एयर ट्रेन से हवाई अड्डे का सुधार
DIAL के अनुसार, एयर ट्रेन का उद्देश्य न सिर्फ यात्रियों को तेज और सीमलेस कनेक्टिविटी प्रदान करना है, बल्कि एयरपोर्ट सर्विस क्वालिटी (ASQ) स्कोर में भी सुधार लाना है। ASQ एक ऐसा सूचकांक है जो हवाई अड्डों पर यात्रियों की संतुष्टि को मापता है। एयर ट्रेन जैसी परियोजनाएं हवाई अड्डे के प्रदर्शन को बेहतर करने में अहम भूमिका निभाती हैं।