नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली के लाल किला इलाके में हुए कार आईईडी ब्लास्ट को लेकर एनआईए के साथ कई राज्यों की पुलिस का ऑपरेशन जारी है। इसी कड़ी में एनआईए ने कश्मीर निवासी आमिर राशिद अली को गिरफ्तार किया है। आमिर ने आत्मघाती हमलावर के साथ मिलकर इस आतंकवादी साजिश को अंजाम दिया था। धमाके में इस्तेमाल की गई कार भी आमिर के नाम पर रजिस्टर्ड थी। एनआईए ने सोमवार को आरोपी को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने उसे 10 दिनों की एनआईए कस्टडी में भेज दिया है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, बीते 10 नवंबर को दिल्ली के लाल किले के पास एक जोरदार धमाका हुआ था। भीड़भाड़ वाले इस इलाके में हुए ब्लास्ट से पूरी दिल्ली दहल गई थी। इस हमले में 13 लोगों की मौत और 25 घायल हुए। यह एक आतंकवादी हमला था। एक सुसाइड बॉम्बर ने इसे अंजाम दिया था। घटना की जांच शुरू हुई. टेरर कनेक्शन सामने आया. और फिर एंट्री हुई एनआईए की। ताबड़तोड़ छापेमारी में एक से एक चौंकाने वाले खुलासे हुए। एक ’व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ का पता चला। सात दिन बाद भी यह मामला सुर्खियों में बना हुआ है और लगातार नई-नई जानकारियां निकलकर सामने आ रही हैं।
10 दिन की कस्टडी में भेजा गया आमिर
एनआईए ने आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी के करीबी आमिर राशिद अली को गिरफ्तार कर लिया है, जो कश्मीर का रहनेवाला है। हमले में इस्तेमाल आई 20 कार आमिर के नाम पर ही रजिस्टर्ड है। ऐसा बताया जा रहा है कि आमिर ने उमर के साथ मिलकर ही इस आतंकी साजिश को अंजाम दिया था। एनआईए ने आमिर राशिद अली दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने आमिर को 10 दिन की कस्टडी दे दी है। अब आमिर से इस वारदात में शामिल अन्य लोगों तथा पूरे प्लान के बारे में जानकारी हासिल करेगी। एनआईए अब आमिर से पूछताछ करेंगी और सफेद कॉलर टेरर मॉड्यूल की जड़ पर प्रहार करेगी।
कौन है आमिर राशिद अली
आमिर राशिद अली मूलरूप से जम्मू-कश्मीर के संबूरा, पंपोर का रहने वाला है। सबसे खास बात यह है कि जिस कार में आईईडी लगाकर धमाका किया गया था, वह कार आमिर के नाम पर रजिस्टर्ड थी। एनआईए ने दिल्ली में छापा मारकर आमिर को पकड़ा। इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस से अपने हाथ में लेने के बाद एजेंसी लगातार इस आरोपी की तलाश कर रही थी। आमिर राशिद के परिवार ने बताया कि वह प्लंबर का काम करता है और उसके भाई को भी गिरफ्तार किया गया है, जिसका नाम उमर है। उमर इलेक्ट्रीशियन का काम करता है। परिवार का कहना है कि आमिर राशिद अली कभी दिल्ली गया ही नहीं। सिर्फ कार इनकी है और उसका भी रजिस्ट्रेशन जम्मू-कश्मीर का है।
आमिर विशेष रूप से दिल्ली आया था
NIA को जांच में पता चला है कि इस पूरी साजिश को आमिर राशिद अली ने कथित आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी के साथ मिलकर अंजाम दिया। उमर उन नबी, पुलवामा का निवासी था और हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी में जनरल मेडिसिन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर था। एनआईए के मुताबिक, आमिर विशेष रूप से दिल्ली आया था, ताकि धमाके के लिए कार खरीदी जा सके. यही कार बाद में वीबीआईईडी में बदल दी गई। फॉरेंसिक जांच से यह भी पुष्टि हो गई कि कार चलाने वाला मृत ड्राइवर उमर उन नबी ही था। एनआईए ने उमर उन नबी की एक और कार भी जब्त की है। फिलहाल इस वाहन की गहन जांच चल रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इसे इस साजिश में कैसे और कितना इस्तेमाल किया गया था।
73 गवाहों और घायलों के बयान दर्ज
एजेंसी अब तक 73 गवाहों और घायलों के बयान दर्ज कर चुकी है। कई तकनीकी और डिजिटल सबूत भी मिले हैं, जिनका विश्लेषण किया जा रहा है। एनआईए इस जांच में दिल्ली पुलिस, जम्मू-कश्मीर पुलिस, हरियाणा पुलिस, यूपी पुलिस और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है। जांच टीम अब बड़े नेटवर्क को पकड़ने, फंडिंग के सोर्स का पता लगाने और मास्टरमाइंड्स की पहचान करने पर फोकस कर रही है। एजेंसी कई लीड्स पर काम कर रही है और जांच को जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा और यूपी तक चल रही है। माना जा रहा है कि इस हमले के पीछे बड़ी आतंकी साजिश है, जिसे एनआईए जल्द पूरी तरह उजागर कर सकती है.।










