कालकाजी सीट से पहली बार विधायक बनीं आतिशी ने केजरीवाल सरकार में सबसे अधिक विभागों का प्रभार संभाला था और उन्हें अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगियों में से एक माना जाता है। जब से केजरीवाल ने इस्तीफे की घोषणा की थी, तब से यह अनुमान लगाया जा रहा था कि आतिशी को दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। अब इस संबंध में औपचारिक घोषणा कर दी गई है, और AAP की विधायक दल की बैठक में आतिशी को आगामी मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया है।
सरकार में प्रमुख भूमिका में रही
आतिशी अन्ना आंदोलन के समय से ही संगठन में सक्रिय रही हैं। जब से केजरीवाल जेल गए हैं, उन्होंने पार्टी और सरकार में प्रमुख भूमिका निभाई है। वे पंजाबी राजपूत परिवार से हैं और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से स्नातक हैं। मुख्यमंत्री पद के लिए जिन अन्य नामों की चर्चा हो रही थी, उनमें कैलाश गहलोत, गोपाल राय और सौरभ भारद्वाज शामिल थे।
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दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनी
आतिशी से पहले, दिल्ली की दो महिला मुख्यमंत्री थीं: बीजेपी की सुषमा स्वराज और कांग्रेस की शीला दीक्षित। सुषमा स्वराज दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं, जब उन्होंने 1998 में इस पद का कार्यभार संभाला। उस समय प्याज की कीमतों में वृद्धि के कारण विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा था, और इसके बाद सुषमा स्वराज को मुख्यमंत्री बनाया गया। हालांकि, सुषमा स्वराज केवल 52 दिन ही मुख्यमंत्री रही और चुनाव परिणामों में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। 1993 में बीजेपी को 49 सीटें मिली थीं, लेकिन 5 साल बाद एंटी इंकम्बेंसी के कारण उनकी सीटें घटकर सिर्फ 15 रह गईं।