CVC investigation: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल में सरकारी आवास के नवीनीकरण और उसमें की गई महंगी खरीदारी की जांच के आदेश दिए हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक विजेंद्र गुप्ता ने इस मामले को उठाया था और दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को भी पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी। विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया था कि 6, फ्लैग स्टाफ रोड स्थित सरकारी आवास पर नियमों की अनदेखी करते हुए अवैध निर्माण किया गया और इसमें जनता के करोड़ों रुपये खर्च किए गए। इस मामले में अब CVC ने CPWD को जांच के निर्देश दिए हैं, जिससे इस मुद्दे पर राजनीतिक विवाद और तेज होने की संभावना है।
CVC ने दिए जांच के आदेश
सार्वजनिक निर्माण विभाग (CPWD) को आदेश दिया है कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास में हुए नवीनीकरण और महंगी वस्तुओं की खरीद की जांच करे। रिपोर्ट के अनुसार, इस बंगले को आलीशान रूप देने के लिए दिल्ली सरकार के खजाने से करोड़ों रुपये खर्च किए गए थे। CVC के निर्देश के बाद अब यह साफ हो गया है कि सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोपों की उच्चस्तरीय जांच होगी।
BJP विधायक विजेंद्र गुप्ता ने इस पूरे मामले को लेकर CVC से शिकायत की थी और उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखकर इस पर तत्काल कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी आवास को “शीश महल” में तब्दील किया गया, जो न केवल नैतिक रूप से गलत है, बल्कि नियमों का भी घोर उल्लंघन है। अब इस शिकायत के आधार पर CVC ने कार्रवाई तेज कर दी है।
केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप
विजेंद्र गुप्ता ने अपने पत्र में दावा किया कि मुख्यमंत्री रहते हुए अरविंद केजरीवाल ने सरकारी धन का दुरुपयोग किया और खुद के लिए एक आलीशान महल बनवाया। उन्होंने कहा कि जिस वक्त दिल्ली की जनता पानी, बिजली और अन्य बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रही थी, उस वक्त सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये खर्च करके सीएम आवास को भव्य रूप दिया गया।
BJP लगातार इस मुद्दे को उठा रही है और आम आदमी पार्टी पर निशाना साध रही है। पार्टी का कहना है कि “AAP नेता खुद को आम आदमी बताते हैं, लेकिन वे खुद ऐशो-आराम में रहते हैं।” बीजेपी नेताओं का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल की नीतियां सिर्फ जनता को गुमराह करने के लिए थीं, जबकि वे खुद सरकारी पैसे का मनमाना इस्तेमाल कर रहे थे।
AAP की प्रतिक्रिया
CVC के जांच आदेश के बाद यह मामला अब और गर्मा सकता है। विपक्ष इस मुद्दे को लेकर अरविंद केजरीवाल और AAP को घेरने में जुट गया है। हालांकि, आम आदमी पार्टी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। पार्टी का कहना है कि यह राजनीतिक बदले की भावना से उठाया गया कदम है और जांच से कुछ भी साबित नहीं होगा।
AAP ने आरोप लगाया कि बीजेपी उनकी पार्टी को बदनाम करने के लिए प्रशासनिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है। पार्टी नेताओं का कहना है कि दिल्ली सरकार की पारदर्शिता पर कोई सवाल नहीं उठ सकता, और वे किसी भी जांच के लिए तैयार हैं। अब देखना होगा कि इस जांच में क्या निकलकर आता है और क्या यह केजरीवाल के लिए नई मुसीबत लेकर आएगा।