Delhi Assembly Elections: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के 8 विधायक और कई पार्षद भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए हैं। इस राजनीतिक घटनाक्रम से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। चुनावी माहौल में इतनी बड़ी संख्या में AAP नेताओं का पार्टी छोड़ना आगामी चुनावों में बीजेपी को मजबूती दे सकता है। बीजेपी नेता बैजयंत पांडा ने इसे “दिल्ली की आपदा से मुक्ति” करार दिया और कहा कि मोदी सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर ये सभी नेता बीजेपी में शामिल हुए हैं।
कौन-कौन AAP से BJP में गया?
भाजपा में शामिल होने वाले AAP के विधायकों में शामिल हैं:
- भावना गौर (पालम से दो बार की विधायक)
- मदन लाल (कस्तूरबा नगर से तीन बार के विधायक)
- गिरीश सोनी (तीन बार के विधायक)
- राजेश ऋषि (दो बार के विधायक)
- नरेश यादव (विधायक)
- पवन शर्मा (विधायक)
- रोहित मेहरोलिया (विधायक)
- बिजेंद्र गर्ग (पूर्व विधायक)
इसके अलावा, AAP के निगम पार्षद अजय राय और कई अन्य नेता भी भाजपा में शामिल हुए हैं।
बीजेपी का दावा – दिल्ली में सत्ता परिवर्तन जरूरी
इस मौके पर बीजेपी नेता बैजयंत पांडा ने कहा कि “Delhi में सत्ता परिवर्तन जरूरी है।” उन्होंने AAP सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार झूठ पर झूठ फैला रही है और वादे पूरे नहीं कर पाई। उन्होंने कहा, “आप सरकार ने साफ पानी, साफ यमुना और विकास के जो वादे किए थे, वे अधूरे रह गए। जलबोर्ड, डीटीसी और राशन कार्ड घोटालों से जनता परेशान है।”
चुनावी समीकरणों पर असर
AAP विधायकों और नेताओं के बीजेपी में जाने से Delhi की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। इस घटनाक्रम से AAP को चुनावी नुकसान हो सकता है, जबकि बीजेपी को फायदा मिल सकता है। अब देखना होगा कि आम आदमी पार्टी इस झटके से उबरने के लिए क्या रणनीति अपनाती है।