नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली विधानसभा को लेकर करीब एक माह तक चुनाव प्रचार चला। नेताओं के दल बदलने के साथ ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। राजनीतिक दलों के पिटारों से (Delhi Election Result) वादों की सौगात की निकलीं। अंत में चुनाव प्रचार थाम और 5 फरवरी को 1 करोड़ 57 लाख के करीब मतदाता ने ईवीएम की बटन दबाकर 699 उम्मीदवारों की भाग्य का फैसला कैद कर दिया। मतदान की देरशाम एक्जिट पोल सर्वे भी आ गए। जिसमें बीजेपी की जीत का अनुमान बताया गया। आखिरकार मतों की गिनती की तारीख भी आ गई और 8 फरवरी की सुबह से कावटिंग स्टार्ट हो गई। रूझानों में फिलहाल बीजेपी आगे हैं और आम आदमी पार्टी पीछे चल रही है। वहीं कांग्रेस भी कुछ सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं।
जानें कितनी फीसदी हुआ मतदान
दिल्ली विधानसभा के लिए 5 फरवरी को वोटिंग हुई। चुनाव आयोग के मुताबिक, दिल्ली में 2025 वधिनसभा चुनाव में कुल 60.54 फीसदी वोट पड़े। यह 2020 में हुए विधानसभा चुनाव से लगभग ढाई फीसदी कम है। 2020 में दल्लि में 62.59 फीसदी वोट पड़े थे। इस हिसाब से देखें तो दिल्ली में कम वोटिंग हुई है। दिल्ली के मुस्तफाबाद सीट में 69.01 तो मदिया महल में 65.11 फीसदी मतदान हुआ। जबकि सीलमपुर 68.71, नजफगढ 64.14, घोंडा 65.86, मंगोलपुरी 64.81, त्रिलोकपुरी 65.28, विश्वास नगर, 64.04, फीसदी वोट पड़े। अरविंद केजरीवाल की सीट पर 56.41 फीसदी, तो वहीं सीएम आतिशी की सीट कालकाजी में 54.59 फीसदी वोटिंग हुई है। मनीष सिसोदिया की सीट जंगपुरा में 57.49 फीसदी वोटिंग हुई है।
चुनाव के मैदान में 699 उम्मीदवार
दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर 1.56 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं ने 70 विधानसभा सीटों के लिए मतदान किया। इस चुनाव में 669 उम्मीदवार चुनाव के मैदान में हैं। दिल्ली में 13 हजार 766 पोलिंग बूथ पर मतदान संपन्न हुआ। दिल्ली में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच सीधी टक्कर है। मतगणना से पहले टीवी चैनल और न्यूज एजेंसियों के एक्जिट पोल सर्वे भी आ गए। 14 पोल में से 7 में बीजेपी की जीत बताई जा रही है, जबकि दो सर्वे में आम आदमी की सरकार बनने का दावा किया गया है। अगर एक्जिट पोल सही साबित हुए तो दिल्ली में 27 साल के बाद बीजेपी की वापसी होगी। वहीं अरविंद केजरवाल की सत्ता से रवानगी होगी।
जानें रोचक किस्से
दिल्ली में मतों की गिनती का कार्य शुरू हो गया है। फिलहाल बीजेपी ने कुछ सीटों पर बढ़त बना ली है। आम आदमी पार्टी भी कांटे की टक्कर देती हुई दिख रही है। इनसब के बीच आज आपको दिल्ली विधानसभा चुनाव के बारे में कुछ रोचक तथ्य और आंकड़े बताते हैं, जो आपको जरूर जानने चाहिए। दिल्ली की कमान अब तक कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी के हाथ में ही रही है। कांग्रेस 19 साल और बीजेपी 5 साल सत्ता में रही। वहीं पिछले 10 साल से आम आदमी पार्टी सत्ता पर काबिज है। फिलहाल बीजेपी 27 सालों से सत्ता से दूर है।
पहली बार चुने गए विधायक और बने सीएम
दिल्ली विधानसभा चुनाव के बारे में एक अमह राज और बाहर आया है। दिल्ली का मुख्यमंत्री हमेशा पहली बार का विधायक ही बना है। दिल्ली में अब तक कुल आठ लोगों ने सीएम की कुर्सी संभाली है। इनमें सिर्फ एक सुषमा स्वराज अपवाद रही थीं। सुषमा स्वराज सांसद रहते हुए सीएम बनी थीं और उससे पहले हरियाणा से कई बार विधायक चुनी जा चुकी थीं। दिल्ली में पहली बार विधायक चने जाने के बाद ब्रह्म प्रकाश, गुमुख निहाल सिंह, मदनलाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा, सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित, अरविंद केजरीवाल और आतिशी सीएम की कुर्सी पर बैठीं।
1952 में हुआ था पहला चुनाव
देश की राजधानी दिल्ली में (Delhi Election Result) अब तक आठ विधानसभा चुनाव हो चुके हैं और 9वें चुनाव के परिणाम आने हैं। दिल्ली में पहला विधानसभा चुनाव 1952 में हुआ था, तब राजधानी में कुल 40 विधानसभा सीटें हुआ करती थीं। चुनाव कांग्रेस जीती तो नांगलोई जाट सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे युवा विधायक चौधरी ब्रह्म प्रकाश दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री बने। हालांकि, राजनीतिक उठापटक के चलते ब्रह्म प्रकाश अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए थे। 2 साल 332 दिन बाद उन्हें सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी। फिर दरियागंज से निर्वाचित गुरमुख निहाल सिंह को मुख्यमंत्री बनाया गया।
फिर 70 सीटों पर हुई वोटिंग
1956 में दिल्ली की पहली चुनी (Delhi Election Result) हुई सरकार गिर गई। विधानसभा न सिर्फ भंग की गई, बल्कि खत्म भी कर दी गई। उसके बाद 37 साल तक दिल्ली में विधानसभा का कोई चुनाव नहीं हुआ। साल 1993 में दिल्ली विधानसभा का दूसरा चुनाव हुआ। उसके बाद से लगातार चुनाव होते आ रहे हैं और यह नौवां चुनाव है। दिल्ली विधानसभा के दूसरे चुनाव में सीटों की संख्या बढ़ाकर 70 कर दी गई थी। दिल्ली में अभी जो विधानसभा सीटों के नाम और संरचना है, उसे परिसीमन आयोग ने साल 2008 में तय किया था।
ये राज भी आया सामने
दिल्ली विधानसभा चुनाव का एक और रोचक तथ्य यह रहा है कि अभी तक विधानसभा चुनाव जीतने के बाद पार्टी ने जिन लोगों को सीएम बनाया। उस पार्टी के सत्ता से हटने यानी कि हारने के बाद वह व्यक्ति (जो सीएम रहा) भी अगली विधानसभा में चुनकर नहीं पहुंचा है। 8 मुख्यमंत्रियों में बस बीजेपी के मदनलाल खुराना अपवाद रहे हैं। पार्टी के सत्ता से हटने के बाद खुराना 1998 में विधानसभा चुनाव में विधायक नहीं बने थे। वे 2003 के विधानसभा चुनाव में जीतकर विधायक पहुंचे थे।
ऐसे देख सकते हैं चुनाव के नतीजे
बता दें, दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Election Result) के रिजल्ट के लिए मतगणना 8 फरवरी को सुबह 8 बजे शुरू हो गई। बताया गया है कि ईपीएम को स्ट्रांग रूम में सुरक्षित तरीके से रखा गया है। राजधानी की 19 जगहों पर हर एक विधानसभा क्षेत्र के लिए कुल 70 स्ट्रांग रूम बनाए गए हैं। रिजल्ट के सारे अपडेट ऑनलाइन हमारे वेबसाइट न्यूज वन इंडिया डॉट कॉम पर पर चेक कर सकते हैं। साथ ही दिल्ली विधानसभा नतीजों की लाइव कवरेज आप न्यूज वन इंडियायूज चैनल पर देख सकते हैं। आप यूट्यूब के साथ-साथ हमारी वेबसाइट पर भी लाइव स्ट्रीम देख सकते हैं। विशिष्ट निर्वाचन क्षेत्रों के नतीजे जानने के लिए आप चुनाव आयोग के पेज eci-gov-in पर भी जा कर चेक कर सकते हैं।