Delhi Mayor Election: आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी शैली ओबेरॉय दिल्ली की नई मेयर चुन ली गई हैं। बता दें कि उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी रेखा गुप्ता को हराया है। वहीं मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी शैली ओबेरॉय को 150 वोट मिले, जबकि बीजेपी उम्मीदवार रेखा गुप्ता को 116 वोट मिले हैं। वहीं मेयर बनने के बाद डॉ. शेली ने कहा कि मैं आप सभी को विश्वास दिलाती हूं कि मैं इस सदन को संवैधानिक तरीके से चलाऊंगी। मुझे उम्मीद है कि आप सभी सदने की गरिमा बनाए रखेंगे और इसके सुचारू संचालन में सहयोग करेंगे।
वहीं आप प्रत्याशी की जीत पर विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि गुंडागर्दी हार गई, जनता जीत गई। बीजेपी धोखा देकर अपना मेयर हनाना चाहती थी। मैं शैली ओबेरॉय को दिल्ली का मेयर चुने जाने पर बधाई देता हूं।
अब अली इकबाल डिप्टी मेयर बनेंगेमेयर चुनाव के लिए चौथी बार बुलाए गए सदन में आज शांतिपूर्वक वोटिंग हुई. इस दौरान कोई विरोध नहीं हुआ और न ही किसी तरह की नारेबाजी हुई है। करीब साढ़े 11 बजे शुरू हुई वोटिंग 2 घंटे से ज़्यादा वक्त तक चली। मेयर चुनाव में दिल्ली के कुल 10 मनोनीत सांसदों, 14 मनोनीत विधायकों और 250 में से 241 निर्वाचित पार्षदों ने वोट किया। कांग्रेस के 9 निर्वाचित पार्षदों ने मेयर चुनाव का बॉयकोट किया है।
पिछले ही हफ्ते निगम सदन की बैठक बुलाने की मंजूरी दी थी
वहीं दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पिछले ही हफ्ते निगम सदन की बैठक बुलाने की मंजूरी दी थी। जिसके बाद मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के छह सदस्यों के पदों के लिए आज 22 फरवरी को चुनाव की तारीख तय कि गई थी। शीर्ष आदालत ने 17 फरवरी को महापौर, उप महापौर और नगर निकाय की स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की तारिख तय करने के लिए दिल्ली नगर निगम की पहली बैठक बुलाने के लिए 24 घंटे के भीतर नोटिस जारी करने का आदेश दिया था। वहीं न्यायालय ने सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) की महापौर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय की याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किया। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि उपराज्यपाल द्वारा एमसीडी में नामित सदस्य मेयर चुनने के लिए मतदान नहीं कर सकते।
तीन बैठकों में AAP-BJP का हंगामा
पहली बैठक 6 जनवरी को MCD मुख्यालय में AAP और BJP के सदस्य आपस में भिड़ गए। हंगामे की वजह से मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया स्थगित करनी पड़ी।
दूसरी बैठक 24 जनवरी को हुई लेकिन 6 जनवरी को हुए हंगामे की वजह से मुक्यालय में पुलिस को तैनात करना पड़ा। हालांकि, इसके बाद दोनों पार्टियों के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। इस वजह से सदन दोबारा स्थगित करना पड़ा।
तीसरी बैठक 6 फरवरी को हुई जिसके बाद एक बार फिर तीसरी बार मेयर चुनाव टल गया। बता दें कि 10 नॉमिनेटेड मेंबर्स को वोट की मंजूरी मिलने के बाद भाजपा और AAP के मेंबर्स ने हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद MCD सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।
विवाद कि शुरूआत कैसे हुई
LG ने मेयर चुनाव के लिए बीजेपी की पार्षद सत्या शर्मा को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया। इससे पहले AAP ने मुकेश गोयल के नाम का प्रस्ताव रखा था। सत्या के नाम पर AAP को आपत्ती थी। इसके बाद प्रोटेम स्पीकर सत्या ने दैसे ही LG के मनोनीत सदस्यों को शपथ दिलानी शुरू की तो AAP ने विरोध और जमकर नारेबाजी करना शुरू कर दी।
वहीं आप पार्टी का कहना है कि मनोनीत सदस्यों की शपथ पहले नहीं होती है, लेकिन भाजपा परंपरा बदल रही है। भाजपा सांसद मीनाक्षी वेखी ने कहा है कि AAP नेताओं को नियमों की जानकारी नहीं है। इसलिए वह हंगामा कर रहे हैं। जब वे बहुमत में हैं, तो डरते क्यों हैं? यहीं काम आप सांसद राज्यसभा में भी करते हैं।
दूसरी तरफ कांग3ेस ने मेयर चुनाव में शामिल होने का फैसला लिया। आप विधायक आतिशी ने चुनाव न लड़ने के फैसले के बाद कांग्रेस पर भाजपा को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है। मेयर के चुनाव में 273 मेंबर्स वोट डालेंगे। बहुमत के लिए 133 का आंकड़ा चाहिे। AAP के पास 150 तो BJP के पास 113 वोट हैं।