Delhi NCR में सितंबर के पहले ही दिन आसमान से झमाझम बारिश बरसी। इस अचानक हुई मूसलाधार बारिश ने शहर की रफ्तार थाम दी। जगह-जगह पानी भर गया और गाड़ियाँ रेंगती नज़र आईं। लोगों का सामान्य जीवन बिगड़ गया और दफ्तर से लौट रहे कर्मचारी घंटों तक ट्रैफिक में फंसे रहे।
सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र
गुरुग्राम के बादशाहपुर, मानेसर, सोहना और राष्ट्रीय राजमार्ग-8 (एनएच-8) पर हालात सबसे खराब रहे। जयपुर एक्सप्रेसवे पर गहरे पानी के कारण लंबा जाम लग गया। दोपहिया और छोटे वाहन बीच रास्ते में बंद हो गए, जिससे लोग भारी मुसीबत में पड़ गए।
मौसम विभाग का अलर्ट सही साबित
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 1 सितंबर को पहले ही येलो अलर्ट जारी किया था। चेतावनी थी कि दोपहर और शाम के वक्त गरज-चमक के साथ तेज बारिश और हवाएं चल सकती हैं। अनुमान बिल्कुल सही साबित हुआ। अचानक तेज बारिश से आसमान ढक गया और दिन में भी अंधेरा सा छा गया। गाड़ी चालकों को हेडलाइट जलाकर चलना पड़ा।
दिल्ली-एनसीआर के अन्य हिस्सों पर असर
गुरुग्राम ही नहीं, बल्कि दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में भी तेज हवाओं के साथ बारिश हुई। तापमान गिरने से मौसम ठंडा और सुहावना हो गया, लेकिन परेशानी भी बढ़ी। दफ्तर से लौटने वाले लोगों को जलभराव और ट्रैफिक जाम की वजह से लंबा सफर तय करना पड़ा। कई स्कूली बच्चों को भी देर तक बसों में इंतजार करना पड़ा।
ट्रैफिक पुलिस की चुनौतियाँ
गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस को दिनभर सैकड़ों शिकायतें मिलीं कि गाड़ियाँ पानी में फँस गईं या रास्ते जाम हैं। पुलिस ने मौके पर पहुँचकर मदद की। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में पुलिसकर्मी और दो लोग एक मिनी ट्रक को धक्का देते दिखे। वहीं एक अन्य पुलिसकर्मी छाता लेकर गाड़ियों को सही रास्ता दिखा रहा था।
नागरिकों की परेशानी और सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल मॉनसून आते ही गुरुग्राम में यही हाल होता है। प्रशासन दावा करता है कि जल निकासी की व्यवस्था दुरुस्त है, लेकिन बारिश ने सारे दावों की पोल खोल दी। सोशल मीडिया पर लोगों ने तस्वीरें और वीडियो डालकर नाराजगी जताई और कहा कि बुनियादी ढांचे की कमी की वजह से हर बार यही मुसीबत झेलनी पड़ती है।
दिल्ली-एनसीआर में बारिश ने जहां मौसम को ठंडा और सुहाना बना दिया, वहीं दूसरी ओर ट्रैफिक जाम और जलभराव ने लोगों की मुश्किलें भी बढ़ा दीं। प्रशासन की तैयारियों की सच्चाई भी एक बार फिर सामने आ गई।