Delhi Drugs: दिल्ली एनसीआर में गुप्त methamphetamine मैन्युफैक्चरिंग लैब का भंडाफोड़ कर एक बड़े ड्रग्स रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। इस अवैध लैब को चलाने में तिहाड़ जेल के वार्डन का नाम सामने आया है, जो एक पूर्व कैदी के साथ मिलकर इस काम को अंजाम दे रहे थे। एनसीबी और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 25 अक्टूबर को गौतम बुद्ध नगर के कसाना इंडस्ट्रियल एरिया में छापा मारकर 95 किलोग्राम से अधिक मेथामफेटामाइन जब्त किया। इस ड्रग्स लैब में सोडियम हाइड्रॉक्साइड, मिथाइलीन क्लोराइड और टोल्यून जैसे खतरनाक रसायन और अत्याधुनिक मशीनरी पाई गई। चार आरोपियों में एक जेल वार्डन, एक कारोबारी, एक कैमिस्ट और मैक्सिकन कार्टेल से जुड़े एक सदस्य को गिरफ्तार कर पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
दिल्ली में मेथ लैब का खुलासा
दिल्ली एनसीआर के कसाना इंडस्ट्रियल एरिया में संचालित methamphetamine मैन्युफैक्चरिंग लैब पर एनसीबी की ऑपरेशन यूनिट और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने संयुक्त रूप से छापा मारा। इस छापेमारी में 95 किलो से अधिक मेथामफेटामाइन जब्त की गई, जो ठोस और तरल दोनों रूपों में थी। यह लैब एक कारोबारी और तिहाड़ जेल के वार्डन के बीच मिलीभगत से चलाई जा रही थी। छापेमारी में एथेनॉल, एसिटोन, सोडियम हाइड्रॉक्साइड जैसे रसायनों के साथ-साथ आयातित मशीनरी भी पाई गई, जो इस अवैध कारोबार के व्यापक नेटवर्क की ओर इशारा कर रही है।
वार्डन की गिरफ्तारी
शुरुआती जांच में पता चला कि एक कारोबारी जो पहले डीआरआई द्वारा एनडीपीएस मामले में गिरफ्तार हुआ था, इस ड्रग्स लैब को चलाने में प्रमुख भूमिका निभा रहा था। इस कारोबारी की मुलाकात तिहाड़ जेल में वार्डन से हुई, जहां दोनों ने एक साथ इस अवैध धंधे को अंजाम देने की योजना बनाई। कारोबारी और वार्डन ने मिलकर इस गुप्त फैक्ट्री के लिए रसायन और मशीनरी की व्यवस्था की। इसके अलावा, इस नेटवर्क में मुंबई के एक कैमिस्ट को भी शामिल किया गया था जो methamphetamine की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने का काम कर रहा था।
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एनसीबी का अलर्ट्नेस
इस मामले में सभी चार आरोपियों को एनसीबी ने गिरफ्तार कर लिया है, जिन्हें अदालत में पेश करने के बाद तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया। उल्लेखनीय है कि इस साल एनसीबी ने गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी पांच गुप्त मेथ लैब्स का भंडाफोड़ किया है। एनसीबी ने स्थानीय पुलिस को सिंथेटिक दवाओं की तस्करी और निर्माण के नए रुझानों के बारे में जागरूक करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किए हैं ताकि भविष्य में इस तरह की गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण रखा जा सके।