Odd-even plan: हर साल की तरह इस बार भी दिल्ली की सर्दियों के दौरान बढ़ने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने कठोर कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। आतिशी सरकार ने पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है, और इसके साथ ही Odd-even योजना भी जल्द लागू की जा सकती है। यह कदम इसलिए उठाए जा रहे हैं ताकि राजधानी में वायु की गुणवत्ता को सुधारने में मदद मिल सके।
पटाखों पर प्रतिबंध और ऑड-ईवन योजना
दिल्ली सरकार ने इस वर्ष भी दीपावली के दौरान पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है। सरकार ने पिछले साल भी इसी तरह का प्रतिबंध लगाया था, और इस बार भी इसे जल्द ही नोटिफिकेशन के जरिए लागू किया जाएगा। यह प्रतिबंध 1 जनवरी 2025 तक प्रभावी रहेगा। इसके अलावा, बढ़ते प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए दिल्ली में ऑड-ईवन नियम को लागू करने की भी योजना बनाई जा रही है, ताकि सड़कों पर गाड़ियों की संख्या कम हो और वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सके।
वर्क फ्रॉम होम और आर्टिफिशियल बारिश की योजना
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए एक और बड़ा कदम उठाने का प्रस्ताव रखा है। वह लोगों को ‘वर्क फ्रॉम होम’ (WFH) के लिए प्रोत्साहित करने की योजना बना रही है, जिससे कि सड़कों पर गाड़ियों की संख्या में कमी हो और प्रदूषण कम हो सके। इसके अलावा, इमरजेंसी स्थिति में आर्टिफिशियल बारिश कराने की भी योजना बनाई जा रही है। इसके लिए सरकार ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखा है और उनकी मदद मांगी है।
सामूहिक प्रयासों की थीम
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि प्रदूषण का असर केवल दिल्ली तक सीमित नहीं रहता, बल्कि एनसीआर के राज्यों से भी इसका प्रभाव पड़ता है। उन्होंने बताया कि इस साल के ‘विंटर एक्शन’ प्लान की थीम ‘मिलकर चलें और प्रदूषण से लड़ें’ रखी गई है। गोपाल राय ने केंद्र सरकार और एनसीआर के अन्य राज्यों से भी सहयोग की अपील की है ताकि वायु प्रदूषण के खिलाफ सामूहिक प्रयास किए जा सकें।
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प्रदूषण में आई कमी के आंकड़े
सरकार के अनुसार, पिछले कुछ सालों में दिल्ली के वायु प्रदूषण के स्तर में गिरावट देखी गई है। साल 2016 में दिल्ली में कुल 243 दिन खराब वायु गुणवत्ता वाले थे, जबकि 2023 में यह संख्या घटकर 159 दिन रह गई। दिल्ली सरकार का दावा है कि बीते एक साल में वायु प्रदूषण में करीब 34.6% की कमी आई है। यह सुधार सामूहिक प्रयासों और ठोस नीतियों का परिणाम है, लेकिन अब भी प्रदूषण को और कम करने के लिए लंबे समय तक प्रयासों की जरूरत है।