दिल्ली हाईकोर्ट में आज दिल्ली हिंसा की साजिश रचने के आरोपित उमर खालिद और शरजील इमाम की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई होगी । इस मामले की सुनवाई जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच में की जाएगी।
जानकारी के मुताबिक 2 अगस्त को स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अमित प्रसाद की ओर से एक बयान सामने आया था। जिसमें उन्होंने कहा कि 13 दिसंबर 2019 को सबसे पहली हिंसा हुई। ये हिंसा शरजील इमाम की ओर से पर्चे बांटने की वजह से हुई।
शरजील के भाषण के तुरंत बाद भड़का दंगा
इसी बीच अमित प्रसाद ने 13 दिसंबर को शरजील इमाम द्वारा जामिया में दिए भाषण का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि शरजील इमाम के भाषण में साफ कहा गया कि उसका लक्ष्य चक्का-जाम था और इस जाम के जरिये दिल्ली में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को बाधित करना था। शरजील के भाषण के तुरंत बाद दंगा भड़का। उसके बाद शाहीन बाग में प्रदर्शन का स्थल बनाया गया। बता दें कि अमित प्रसाद 1 अगस्त से दलीलें रख रहे हैं।
तो वहीं इस मामले में 28 जुलाई को उमर खालिद की ओर से वकील त्रिदीप पेस ने दलीलें पेश की थी। इस मामले में उमर खालिद की ओर से कहा गया था कि उसके खिलाफ दाखिल चार्जशीट में साजिश को दिखाने के लिए जिन घटनाओं का जिक्र किया गया है।
खालिद की ओर से त्रिदिप पेस ने पेश की दलीलें
उनका आपस में कोई संबंध नहीं है। उमर खालिद की ओर से पेश वकील त्रिदिप पेस ने कहा था कि चार्जशीट में पांच व्हाट्सएप ग्रुप की चर्चा की गई है । जिसमें उमर खालिद केवल दो ग्रुप का सदस्य था। और वो भी एक ही ग्रुप में मैसेज भेजता था।
उन्होंने कहा था कि किसी भी चश्मदीद गवाह ने ये नहीं कहा कि उमर खालिद नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आयोजित विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा में भागीदार था। पुलिस ने उमर खालिद की गिरफ्तारी से पहले मामला बनाया। बता दें कि हाईकोर्ट उमर खालिद की ओर से दाखिल जमानत याचिका पर 22 अप्रैल से सुनवाई कर रहा है।
कड़कड़डूमा कोर्ट में खालिद की जमानत याचिका खारिज
24 मार्च को कड़कड़डूमा कोर्ट ने उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दिया था। दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हिंसा के आरोपी उमर खालिद समेत दूसरे आरोपियों की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि इस मामले में टेरर फंडिंग हुई थी।
स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर अमित प्रसाद ने कहा कि इस मामले के आरोपी ताहिर हुसैन ने काला धन को सफेद करने का काम दिया। अमित प्रसाद ने कहा था कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली की हिंसा के दौरान 53 लोगों की मौत हुई। इस मामले में 755 एफआईआर दर्ज किए गए हैं।
16 सितंबर 2020 को स्पेशल सेल ने चार्जशीट दाखिल
उमर खालिद को 13 सितंबर 2020 को पूछताछ के बाद स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया था। 17 सितंबर 2020 को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ओर से दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। 16 सितंबर 2020 को स्पेशल सेल ने चार्जशीट दाखिल किया था।
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आपको बता दें इस मामले में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है उनमें सफूरा जरगर, ताहिर हुसैन, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा, शफा उर रहमान, आसिफ इकबाल तान्हा, शादाब अहमद, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान, अतहर खान, शरजील इमाम, फैजान खान, नताशा नरवाल और देवांगन कलीता शामिल हैं। इनमें पांच आरोपियों इशरत जहां, सफूरा जरगर, आसिफ इकबाल तान्हा, देवांगन कलीता और नताशा नरवाल को जमानत मिल चुकी है।