VB-G RAM G Bill: केंद्र सरकार ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून मनरेगा (MGNREGA) को खत्म कर एक नया बिल ‘विकसित भारत – गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ (VB-G RAM G) लाने जा रही है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान इसे लोकसभा में पेश करेंगे। यह कदम देश में ग्रामीण रोजगार की पूरी तस्वीर बदलने वाला है, लेकिन इसे लेकर विवाद भी है। जहाँ मनरेगा 100 दिनों के गारंटीड रोजगार का वादा करता था, वहीं VB-G RAM G इसे बढ़ाकर 125 दिनों का करने की कानूनी गारंटी देगा।
इस नए एक्ट का उद्देश्य ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक आधुनिक ढाँचा स्थापित करना है, जो जल सुरक्षा, ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर और आजीविका से जुड़े बुनियादी ढाँचे जैसे 4 प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर केंद्रित होगा। हालाँकि, कृषि पीक सीजन में 60 दिनों के ब्रेक पीरियड का प्रावधान और फंडिंग पैटर्न में बदलाव जैसे कुछ बिंदुओं पर विवाद की स्थिति बनी हुई है।
मनरेगा और VB-G RAM G बिल में मुख्य अंतर
नया बिल पुरानी योजना की कई कमियों को दूर करने और आज की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के अनुरूप ढालने का दावा करता है।
विशेषता | मनरेगा (MGNREGA) | VB-G RAM G बिल |
रोजगार के गारंटीकृत दिन | 100 दिन प्रति परिवार | 125 दिन प्रति परिवार |
ब्रेक पीरियड | कोई प्रावधान नहीं | खेती वाले पीक सीजन में 60 दिनों तक अस्थायी रोक का प्रावधान |
फंडिंग पैटर्न (सामान्य राज्य/UTs) | केंद्र: 100% अकुशल मजदूरी + 75% सामग्री लागत | केंद्र: 60%, राज्य: 40% |
फंडिंग पैटर्न (पूर्वोत्तर/हिमालयी राज्य) | केंद्र: 100% अकुशल मजदूरी + 75% सामग्री लागत | केंद्र: 90%, राज्य: 10% |
प्राथमिकता वाले कार्य | कई कैटेगरी में फैले हुए | 4 प्रमुख क्षेत्रों पर फोकस: जल सुरक्षा, ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर, आजीविका इंफ्रास्ट्रक्चर, और जलवायु अनुकूलन |
योजना निर्माण | राष्ट्रीय रणनीति के तहत | विकसित ग्राम पंचायत योजनाओं को अनिवार्य करता है (PM गति-शक्ति के साथ एकीकृत) |
मनरेगा को बदलने की क्यों पड़ी जरूरत?
ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार, पिछले 20 सालों में ग्रामीण भारत में बड़ा संरचनात्मक बदलाव आया है।
गरीबी में कमी: गरीबी 25.7% (2011–12) से घटकर 4.86% (2023–24) हो गई है।
आजीविका में विविधता: ग्रामीण आजीविका अब अधिक विविध हो गई है।
डिजिटल पहुँच: कनेक्टिविटी और डिजिटल एक्सेस में बढ़ोतरी हुई है।
मंत्रालय का तर्क है कि MGNREGA का पुराना ओपन-एंडेड मॉडल आज की मजबूत हो चुकी ग्रामीण अर्थव्यवस्था से मेल नहीं खा रहा था। VB – G RAM G बिल सिस्टम को आधुनिक बनाता है, गारंटी वाले दिनों को बढ़ाता है और प्राथमिकताओं पर फिर से ध्यान केंद्रित करता है।
विवाद क्यों है?
नए VB-G RAM G बिल को लेकर मुख्य विवाद दो प्रमुख प्रावधानों पर केंद्रित है:
60 दिनों का ब्रेक पीरियड: नए स्कीम में खेती वाले सीजन में रोजगार गारंटी को 60 दिनों के लिए अस्थायी रूप से रोक दिए जाने का प्रावधान किया जा रहा है। आलोचकों का मानना है कि यह प्रावधान ग्रामीण परिवारों की साल भर की आजीविका सुरक्षा को कमजोर कर सकता है।
बदला हुआ फंडिंग पैटर्न: सामान्य राज्यों के लिए केंद्र की हिस्सेदारी 60% और राज्य की 40% करने से राज्यों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा। मनरेगा में केंद्र अकुशल मजदूरी की लागत का 100% वहन करता था।
नई स्कीम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था और मजदूरों को क्या फायदा होगा?
VB-G RAM G बिल के समर्थक इसके कई फायदे बताते हैं:
1. ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए लाभ
उत्पादक संपत्ति निर्माण: यह एक्ट उत्पादक एसेट बनाने, उच्च आय और बेहतर लचीलेपन के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा।
बुनियादी ढाँचा विकास: सड़कों, कनेक्टिविटी और बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया जाएगा, जिससे बाज़ारों की पहुँच ग्रामीण इलाकों तक होगी।
जल सुरक्षा और जलवायु अनुकूलन: जल संचयन, बाढ़ जल निकासी और मिट्टी संरक्षण जैसे कामों को प्राथमिकता मिलेगी।
प्रवासन में कमी: ग्रामीण इलाकों में रोजगार की उपलब्धता से शहरों की ओर प्रवासन (migration) में कमी आएगी।
2. मजदूरों के लिए लाभ
लंबे समय तक रोजगार: नौकरी की गारंटी 100 दिन से बढ़कर 125 दिन तक मिलेगी।
पारदर्शिता और सुरक्षा: इलेक्ट्रॉनिक मज़दूरी (e-wages) पूरी बायोमेट्रिक और आधार-आधारित वेरिफिकेशन के साथ जारी रहेगी, जिससे मज़दूरी की चोरी खत्म होगी।
बेरोजगारी भत्ता: काम नहीं मिलने पर राज्यों को बेरोजगारी भत्ता देना होगा।
बेहतर जीवनशैली: बेहतर सड़कें, पानी और आजीविका से जुड़ी संपत्तियों का निर्माण मजदूरों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।
पारदर्शिता और सामाजिक सुरक्षा के उपाय
नया VB-G RAM G बिल पारदर्शिता बढ़ाने और धोखाधड़ी रोकने पर विशेष ध्यान देता है:
AI और निगरानी: AI का उपयोग करके धोखाधड़ी का पता लगाया जाएगा।
रियल-टाइम MIS: GPS/मोबाइल से काम की निगरानी और रियल-टाइम MIS डैशबोर्ड से प्रगति का पता लगाया जा सकेगा।
संचालन समितियाँ: केंद्र और राज्य सरकारें योजनाओं की निगरानी के लिए संचालन समितियां चलाएंगी।
विकसित ग्राम पंचायत प्लान: पंचायतों की निगरानी भूमिका मजबूत होगी।



