दिल्ली की हवा को बचाने के लिए आज से राजधानी की सड़कों पर एक सख्त नियम लागू हो गया है। अब दिल्ली में सिर्फ BS-6 मानक वाली गाड़ियों को ही प्रवेश मिल रहा है और बिना वैध PUCC के वाहनों को पेट्रोल-डीज़ल नहीं दिया जा रहा है।
क्या बदला है आज से ?
राजधानी में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद प्रशासन ने वाहन नियमों को और कड़ा कर दिया है। अब दिल्ली की सीमाओं पर BS-6 से कम मानक वाले कई पुराने वाहनों को एंट्री से रोका जा रहा है, जिससे रोज़ाना आने-जाने वाले लोगों की दिनचर्या भी प्रभावित हो रही है।
फ्यूल पंपों पर भी निर्देश दिए गए हैं कि जिन वाहनों के पास वैध प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र (PUCC) नहीं है, उन्हें पेट्रोल या डीज़ल न दिया जाए, जिससे कई लोग अचानक संकट में पड़ गए हैं।
आम लोगों की मुश्किलें और सवाल
कई नौकरीपेशा लोग, कैब ड्राइवर, ऑटो चालक और डिलीवरी बॉय सुबह की भागदौड़ में पेट्रोल पंपों पर पहुंचे तो उन्हें PUCC न होने की वजह से लौटा दिया गया।
किसी के पास समय की कमी थी, तो किसी को यह जानकारी ही नहीं थी कि आज से नियम इतने सख्त हो जाएंगे, और वे खुद को बेबस महसूस करने लगे।
भावनात्मक असर और कड़वी सच्चाई
एक तरफ लोग शिकायत कर रहे हैं कि इतनी अचानक सख्ती से रोज़गार और रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर असर पड़ा है, दूसरी तरफ दिल्ली की जहरीली हवा बच्चो और बुजुर्गों की सेहत पर जो असर डाल रही है, वह भी किसी त्रासदी से कम नहीं है।
कई माता-पिता कहते दिखे कि अगर आज कुछ सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए साफ हवा सिर्फ किताबों में रह जाएगी।
समाधान की ओर बढ़ते कदम
विशेषज्ञों का मानना है कि BS-6 गाड़ियां और नियमित PUCC जांच, प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं, लेकिन इनके साथ पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत करना और लोगों को पहले से जागरूक करना भी उतना ही ज़रूरी है।
दिल्ली जैसे महानगर में स्वच्छ हवा और सुगम जीवन, दोनों को साथ लेकर चलना ही असली चुनौती है, और आज शुरू हुए ये नियम उसी संघर्ष का हिस्सा हैं।


