केक लेकर पाक उच्चायोग पहुंचा युवक: क्या पहलगाम हमले पर मना रहा था जश्न? सोशल मीडिया पर गुस्सा फूटा

पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत में शोक और गुस्से का माहौल है। इसी बीच पाकिस्तान उच्चायोग में केक ले जाए गए एक युवक का वीडियो सामने आने से सोशल मीडिया पर जबरदस्त आक्रोश फैल गया है।

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Pakistan allegations cake video viral: पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत के बाद भारत-पाकिस्तान संबंधों में जबरदस्त तनाव है। भारत ने जहां सिंधु जल संधि निलंबित कर सख्त रुख अपनाया, वहीं इसी बीच Pakistan उच्चायोग में एक व्यक्ति केक लेकर पहुंचा—जिसने पूरे देश का गुस्सा भड़का दिया। इस घटना का वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रियाएं दीं। लोग पूछ रहे हैं कि जब भारत अपने नागरिकों के ग़म में डूबा है, तब पाकिस्तान के उच्चायोग में केक क्यों ले जाया गया? क्या यह पहलगाम हमले के ‘सफल’ होने पर कोई जश्न था? या फिर किसी तरह का राजनयिक संदेश? पाक उच्चायोग और दिल्ली पुलिस की चुप्पी ने शक और बढ़ा दिया है।

सोशल मीडिया पर भड़का गुस्सा, ‘यह उत्सव है या घिनौनी हरकत?’

गुरुवार दोपहर दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर उस वक्त सनसनी फैल गई जब एक युवक को बड़ा सा केक लेकर भीतर जाते देखा गया। यह घटना ऐसे समय हुई जब पूरा देश पहलगाम हमले के ग़म और गुस्से में है। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद प्रतिक्रियाओं का सैलाब उमड़ पड़ा।

एक यूज़र ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “जब 26 निर्दोष लोग मारे गए हैं, तो Pakistan उच्चायोग में केक ले जाना क्या संदेश देता है?” वहीं एक अन्य ने कहा, “अगर यह कोई निजी समारोह था, तो इतने संवेदनशील समय में इतनी गोपनीयता क्यों?” इस घटना को लेकर यूज़र्स ने पाकिस्तान पर यह आरोप लगाया कि वह भारत की पीड़ा का मज़ाक उड़ा रहा है।

चुप्पी में छिपा है राजनयिक रहस्य?

इस पूरी घटना के बाद पाकिस्तान उच्चायोग की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। न ही दिल्ली पुलिस ने कोई बयान जारी किया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह किसी ‘प्राइवेट सेरेमनी’ का हिस्सा था, लेकिन जिस वक्त भारत ने पाकिस्तान पर राजनीतिक और कूटनीतिक दबाव बनाना शुरू किया है, उस वक्त ऐसी घटना का सामने आना सवालों के घेरे में है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि यह कदम भारत के गुस्से को और भड़का सकता है। एक पूर्व राजनयिक के अनुसार, “अगर यह समारोह था भी, तो ऐसा प्रतीत होता है मानो Pakistan जानबूझकर भारत की भावनाओं को आहत करना चाहता है।”

पहलगाम हमले पर सख्त भारत, तनाव चरम पर

पहलगाम में हुए हमले की जिम्मेदारी ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ ने ली है, जो लश्कर-ए-ताइबा का सहयोगी संगठन है। हमले में मारे गए अधिकतर लोग आम नागरिक थे, जिनमें तमिलनाडु के भी कई पर्यटक शामिल थे। इसके जवाब में भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, जिससे पाकिस्तान की कृषि और अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लग सकता है।

भारत का जवाब—राजनयिक निष्कासन

भारत ने Pakistan के सैन्य राजनयिकों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित करते हुए एक हफ्ते में देश छोड़ने का आदेश दिया है। इस बीच, पाक उप-प्रधानमंत्री इशाक डार ने भारत के फैसले को “जल्दबाज़ी” करार दिया है, जिससे तनाव और बढ़ गया है।

इस समय जब भारत मातम में डूबा है, पाक उच्चायोग में केक ले जाने जैसी घटनाएं न सिर्फ असंवेदनशील हैं, बल्कि यह संकेत भी देती हैं कि पाकिस्तान भारत की पीड़ा का उपहास कर रहा है। भारत अब केवल जवाबी कार्रवाई नहीं कर रहा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को घेरने की रणनीति अपना रहा है।

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